पब्लिशर के घर दबिश देने वाला दरोगा निलंबित
- चेक बाउंस के मामले में दी गई थी दबिश
- कारोबारी संजीव अग्रवाल ने लिखाई थी चेक बाउंस का रिपोर्ट
- पुलिस का पीछा कर रहे स्कूटी सवार दो लोगों की मौत
- कारोबारी की पत्नी व भतीजा हुए एक्सीडेंट का शिकार
- संजीव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज
चेक बाउंस के मामले में बुलंदशहर निवासी कारोबारी संजीव अग्रवाल को साथ लेकर मेरठ में दबिश देने व तेजी से बदले घटनाक्रम में पब्लिशर की पत्नी व भतीजे के मौत के मामले में हापुड़ रेलवे रोड चौकी इंचार्ज कमल सिंह को निलंबित कर दिया गया है। यह निलंबन हापुड़ एसपी द्वारा किया गया है। इस मामले में हापुड़ में भी जांच बैठा दी गई है। इस संपूर्ण प्रकरण में कोर्ट के आदेश के नाम पर हापुड़ पुलिस द्वारा जो भूमिका निभाई गई उसने तमाम सवाल खड़े कर दिये हैं। हापुड़ पुलिस की इस कारगुजारी के चलते दो लोगों को सड़क हादसे का शिकार होना पड़ा है। इस मामले की गूंज लखनऊ तक पहुंचने पर कारोबारी संजीव अग्रवाल के खिलाफ भी गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करना पड़ा है।
चेक बाउंस के एक मामले को लेकर जिस पब्लिशर ने अपना बहुत कुछ गंवा दिया उनका नाम चेतन प्रकाश गर्ग है। वह मोहित प्रकाशन के नाम से प्रकाशन करते हैं। उनकी पत्नी चित्रा व भतीजा मोहित इस हादसे में मारे गये। दरअसल, हापुड़ पुलिस ने 28 अप्रैल को जिस तरह घर पर दबिश दी, बुलंदशहर के कारोबारी संजीव अग्रवाल को साथ लाये पब्लिशर के परिजन कुछ समझ नहीं पाये। पब्लिशर को पुलिस जबरन उठाकर ले जा रही थी और चित्रा व मोहित आदि इसका विरोध कर रहे थे। परिजनों का यह भी आरोप की पुलिस कर्मी सादे कपड़े पहने थे और संजीव अग्रवाल द्वारा मुहैया कराई गई प्राइवेट गाडियों से ही वहां पहुंचे थे। इन प्राइवेट कार में ही वे पब्लिशर को जबरन ले जा रहे थे। यह परिवार टीपीनगर थाना क्षेत्र की गुप्ता कालोनी में रहता है।
किसी अनिष्ट की आशंका के चलते चित्रा व मोहित भी स्कूटी से उस कार के पीछे लग गये जिसमें पब्लिशर को डालकर हापुड़ ले जाया जा रहा था। हापुड़ रोड पर एकाएक ही हुए सड़क हादसे में स्कूटी सवार दोनों लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट दर्ज कराई गई है कि पीछा कर रहे पत्नी व भतीजे की स्कूटी को जान बूझकर संजीव अग्रवाल ने टक्कर मारी जिस कारण स्कूटी गिर गई और पीछे से आते कैंटर ने दोनों को रौंद दिया।
इस घटनाक्रम में दो लोगों की मौत की सूचना पाकर हापुड़ पुलिस के हाथ पांव फूल गये। वे आननफानन में मेरठ पहुंची और पब्लिशर को मुक्त कर घर जाने दिया। एसपी अभिषेक वर्मा ने इस मामले में जांच बैठाते हुए हापुड़ रेलवे रोड चौकी इंचार्ज कमल सिंह को संस्पेंड कर दिया।
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