सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, चंडीगढ़ मेयर मामले में रिटर्निंग अफसर को दिखाया आइना,कुलदीप  बने मेयर
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सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, चंडीगढ़ मेयर मामले में रिटर्निंग अफसर को दिखाया आइना,कुलदीप बने मेयर

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सुप्रीम कोर्ट ने आज चंडीगढ़ मेयर मामले में ऐतिहासिक फैसला लेते हुए भाजपा को कड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह द्वारा खराब किये गये बैलेट पेपर को वैध मानते हुए वोटों की गिनती दोबारा करने व नया मेयर चुनने का आदेश दिये है। इस मामले की सुनवाई करते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने अनिल मसीह से कहा कि वीडियो में सब कुछ साफ नजर आ रहा है,लिहाजा सच ही बोले, अन्यथा वह उन्हें सजा देंगे। इसके साथ ही कोर्ट ने कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित कर दिया।

दरअसल, चंडीगढ़ मेयर चुनाव की मतगणना में एक वायरल वीडियो ने देश की राजनीति में सनसनी फैला दी थी। इस वीडियो में रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह बैलेट पेपर पर पैन चलाते नजर आ रहे थे। उन्होंने इस तरह आठ बैलेट पेपर को अवैध करार देते हुए उन्हें निरस्त कर दिया था। इस आधार पर भाजपा प्रत्याशी  मनोज सोनकर की जीत घोषित कर दी गई थी। हालांकि विवाद गहराने के बाद मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया था।

मंगलवार को सुनवाई शुरू होते ही सीजेआई चंद्रचूड ने कहा कि अगर ज्यूडिशियल ऑफिशयल आ गए हों तो हम चुनाव के दिन टेम्पर किए गए आठ बैलट पेपर्स देखना चाहेंगे। इसके बाद ज्यूडिशियल अफसर ने बैलट पेपर्स बेंच को सौंप दिये। इन्हें देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में डाले गए वोटों की दोबारा गिनती की जाए। निशान लगाए गए सभी आठ बैलट्स को वैध माना जाए और इनके आधार पर वोटों की गिनती हो।

सुनवाई के दौरान बेंच ने उस वायरल वीडियो को भी देखा जिसमें अनिल मसीह बैलेट पेपर पर कुछ लिखते नजर आ रहे हैं। अनिल मसीह ने देश के जाने माने व महंगे अधिवक्ता मुकुल रोहतगी को अपने पक्ष में खड़ा किया था। कोर्ट में मुकुल रोहतगी ने कहा कि अनिल मसीह को दस्तखत करने का अधिकार है। पहले बैलट में छोटी सी बिंदी है। कुछ बैलट्स ऊपर से मुड़े हुए हैं। ये देखते हुए मसीह ने उन्हें अवैध करार करने के लिए निशान लगाया। हो सकता है कि वो सही हों या गलत, ये उनका फैसला है।

यह वीडियो बना रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह के खिलाफ बड़ा सबूत। फोटो फर्स्ट बाइट.टीवी
यह वीडियो बना रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह के खिलाफ बड़ा सबूत।                                            फोटो फर्स्ट बाइट.टीवी

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि  19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सभी बैलट पेपर और वीडियो दिल्ली तलब की थी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वे खुद उन बैलट पेपर की जांच करेंगे, जिनमें छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है। रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कोर्ट में मौजूद रहने को कहा गया था।  इसके अलावा, कोर्ट ने मेयर चुनाव दोबारा नए सिरे से करवाने की बजाय वर्तमान मतपत्रों के आधार पर घोषित करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि वह निर्देश देगा कि मेयर चुनाव में डाले गए वोटों की गिनती उन निशानों को नजरअंदाज करके की जाए, जो पिछले पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने पेन से लगाए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी मसीह से पूछा कि उन्होंने किस कानून के तहत बैलट पेपर पर हस्ताक्षर किए हैं ? इस पर मसीह ने जवाब दिया कि जो मतपत्र खराब हो गए थे, उन्हें अलग करना था और उनकी पहचान के लिए ही उन्होंने ऐसा किया। इस पर कोर्ट ने पूछा कि वीडियो में दिख रहा है कि उन्होंने क्रॉस का निशान लगाया था ? ऐसा क्यों किया और कितने बैलट पेपर पर किया। मसीह ने जवाब दिया कि  ऐसा उन्होंने इसलिए किया ताकि विकृत पेपर की बाद में पहचान की जा सके और ऐसा आठ बैलट पेपर पर उन्होंने किया था।

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