हिंडनबर्ग की रिसर्च-सेबी चेयरमैन व पति की अडाणी समूह की ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी
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हिंडनबर्ग की रिसर्च-सेबी चेयरमैन व पति की अडाणी समूह की ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी

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अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने एक बार फिर अपनी ताजातरीन रिपोर्ट सार्वजनिक कर फाइनेंस व कारपोरेट जगत में हडकंप मचा दिया है। जैसा कि हिंडनबर्ग ने एक दिन पूर्व ही एक्स पर पोस्ट किया था कि भारत में कुछ बड़ा होने वाला है के अनुरूप कंपनी ने सीधे आरोप लगाये कि  सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन पर गंभीर आरोप कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है। हालांकि बुच ने सभी आरोपों को यह कहते हुए निराधार और चरित्र हनन करार दिया है कि उनका जीवन व फाइनेंसेस एक खुली किताब है। वहीं आज आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने यह आरोप लगाया है कि अडाणी के कारनामे उजागर करने व उनकी खिलाफत करने के कारण ही उन्हें जेल में रखा गया था।

दरअसल,  गत वर्ष हिंडनबर्ग कंपनी ने अडाणी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितता के संगीन आरोप लगाये थे। इन आरोपों के बीच ही हिंडनबर्ग रिसर्च भारत में एकाएक ही चर्चा में आ गयी थी। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में कथित तौर पर अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप के शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया था।

हालांकि इस रिपोर्ट का अडाणी ग्रुप ने यह कहते हुए खंडन किया कि हिंडनबर्ग ने अपने फायदे के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का गलत इस्तेमाल किया। अडाणी ग्रुप पर लगाए आरोप पहले ही निराधार साबित हो चुके हैं। गहन जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज कर दिया था।

इस  बीच, आम आदमी पार्टी ने इस रिपोर्ट को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। आप ने एक्स पर यह पोस्ट भी किया है।

https://twitter.com/AamAadmiParty/status/1822537282299347189

 

अब बात करते हैं हिंडनबर्ग ने अपनी रिसर्च में प्रमुखता से क्या कहा है  

  • अडाणी ग्रुप पर हमारी रिपोर्ट के लगभग 18 महीने हो चुके हैं। रिपोर्ट में इस बात के पुख्ता सबूत पेश किए गए थे कि अडाणी ग्रुप कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला कर रहा था। स्वतंत्र मीडिया पड़ताल में यह बात साबित होने के बावजूद SEBI ने कार्रवाई नहीं की।
  • हमारी रिपोर्ट ने ऑफशोर, मुख्य रूप से मॉरीशस बेस्ड शेल एंटिटीज के एक जाल को उजागर किया था। जिनका इस्तेमाल संदिग्ध अरबों डॉलर के अनडिस्क्लोज्ड रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन, अनडिस्क्लोज्ड इन्वेस्टमेंट और स्टॉक मैनिपुलेशन के लिए किया गया था।
  • ‘IPE प्लस फंड’ एक छोटा ऑफशोर मॉरीशस फंड है, जिसे अडाणी डायरेक्टर ने इंडिया इंफोलाइन (IIFL) के जरिए स्थापित किया है। अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने इस स्ट्रक्चर का यूज इंडियन मार्केट्स में निवेश के लिए किया।
  • एक कॉम्प्लेक्स स्ट्रक्चर में, विनोद अडाणी नियंत्रित कंपनी ने टैक्स हेवन बरमूडा में “ग्लोबल डायनेमिक अपॉर्चुनिटीज फंड” में निवेश किया था, जिसने बाद में मॉरीशस में रजिस्टर्ड एक फंड, आईपीई प्लस फंड 1 में निवेश किया था।
  • इन आरोपों की पड़ताल का जिम्मा SEBI प्रमुख पर ही था, लेकिन इसके उलट SEBI ने 27 जून 2024 को उसे ही नोटिस दे दिया। इसके जवाब में हिंडनबर्ग ने कहा था- ‘SEBI की अडाणी को गुप्त सहायता हमारी रिपोर्ट के पब्लिश होने के लगभग तुरंत बाद शुरू हो गई थी।’

 व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों से पता चलता है कि SEBI की वर्तमान चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति की अडाणी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों ऑफशोर फंडों (बरमूडा और मॉरीशस) में हिस्सेदारी थी, जिसका इस्तेमाल विनोद अडाणी ने किया था।

  • ऐसा लगता है कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने पहली बार 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना अकाउंट खोला था। निवेश का सोर्स “सैलरी” है और कपल की नेटवर्थ $10 मिलियन आंकी गई है।
  • माधबी बुच को अप्रैल 2017 में SEBI का “होलटाइम मेंबर” नियुक्त किया गया था। इस नियुक्ति से कुछ हफ्ते पहले, माधबी के पति, धवल बुच ने मॉरीशस फंड एडमिनिस्ट्रेटर ट्राइडेंट ट्रस्ट ग्लोबल डायनेमिक अपॉर्चुनिटीज फंड में निवेश के संबंध में ईमेल लिखा था।
  • ईमेल में, धवल बुच ने “खातों को संचालित करने के लिए अधिकृत एकमात्र व्यक्ति होने” का अनुरोध किया था। हिंडनबर्ग ने कहा- ऐसा लगता है कि राजनीतिक रूप से संवेदनशील नियुक्ति से पहले संपत्ति को अपनी पत्नी के नाम से हटा दिया गया है।
  • 26 फरवरी, 2018 को माधबी बुच के निजी ईमेल को संबोधित एक बाद के अकाउंट स्टेटमेंट में, स्ट्रक्चर की पूरी डिटेल्स सामने आई है: GDOF Cell 90 (IPEplus Fund 1)। उस समय बुच की हिस्सेदारी की वैल्यू 8.72 लाख डॉलर थी।
  • अप्रैल 2017 से मार्च 2022 तक, माधबी का एगोरा पार्टनर्स नाम की सिंगापुर ऑफशोर कंसल्टिंग फर्म अगोरा पार्टनर्स में 100% इंटरेस्ट था। 16 मार्च, 2022 को, SEBI चेयरपर्सन के रूप में नियुक्ति के बाद, उन्होंने चुपचाप शेयर अपने पति को ट्रांसफर कर दिए।

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