रणजीत सिंह हत्याकांड में हाईकोर्ट ने गुरमीत राम रहीम को किया बरी
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रणजीत सिंह हत्याकांड में हाईकोर्ट ने गुरमीत राम रहीम को किया बरी

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  • 22 साल पूर्व हुई थी प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या
  • पुलिस ने जांच में डेरा आश्रम को दे दी थी क्लीन चिट
  • अज्ञात चिट्ठी के बाद शुरू हुई जांच, सीबीआई ने बनाया मुजरिम
  • सीबीआई कोर्ट ने गुरमीत समेत पांच को दी उम्रकैद की सजा
  • हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट का फैसला पलटा
  • चार दिन पहले ही डेरा ने दिया है भाजपा सरकार को समर्थन

22 साल पूर्व हुए डेरा सिरसा प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बरी कर दिया है। मंगलवार को हरियाणा हाईकोर्ट ने राम रहीम समेत पांच आरोपियों को बरी किया है। राम रहीम को इस हत्याकांड में उम्रकैद की सजाई सुनाई गई थी। हाईकोर्ट ने इस तरह सीबीआई कोर्ट का फैसला पलट दिया है। दिलचस्प तथ्य यह भी है कि अभी चार दिन पहले ही गुरमीत राम रहीम के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा ने हरियाणा में आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के समर्थन का ऐलान किया है। हरियाणा सरकार गुरमीत के प्रति हमेशा नरम रूख रखने के कारण विपक्ष के निशाने पर रही है।

दरअसल, पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट ने डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड में डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम समेत चार अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। राम रहीम पर 31 लाख जबकि अन्य आरोपियों पर 50 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। इस अपराध में कृष्ण लाल सिंह, सबदिल , जसबीर सिंह, अवतार सिंह आरोपी थे। इन सभी आरोपियों को सीबीआई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। इस तरह हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के इस फैसले को रद्द कर दिया है। गुरमीत मौजूदा वक्त में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे तीन मामलों में कैद हुई थी। जिनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के दो केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा।

अब बात करते हैं 22 साल पूर्व हुई प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड की। कुरूक्षेत्र के रहने वाले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने जांच पड़ताल कर इस हत्याकांड से डेरे का नाम निकाल दिया था। इससे असंतुष्ट परिजनों ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी।

बता दें कि शुरुआत में इस मामले में गुरमीत का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच सीबीआई को सौंपी गई। फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को शामिल किया गया। इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे। 19 साल बाद अक्टूबर 2021 में डेरा मुखी समेत पांच आरोपियों को दोषी करार दिया गया था। इसके तहत सीबीआई  कोर्ट ने गुरमीत समेत पांच आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

दरअसल, रणजीत सिंह की हत्या का मामला गुमनाम चिट्‌ठी से जुड़ा हुआ है। इसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। ये वह चिट्‌ठी थी, जो तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गई थी। सीबीआई ने दावा किया था कि डेरे को शक था कि रणजीत ने ही अपनी बहन से साध्वियों के यौन शोषण की गुमनाम चिट्‌ठी लिखवाई है।

यह चिट्‌ठी बाद में सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में छापी थी। जिसके बाद 24 अक्टूबर 2002 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति का मर्डर कर दिया गया था। इसके बाद 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनकी की मौत हो गई थी। छत्रपति की हत्या के केस में भी राम रहीम को सजा हुई है।

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