सच छिपाना और झूठ की पीठ थपथपाना पत्रकारिता के सामने बड़ी चुनौती
मेरठ

सच छिपाना और झूठ की पीठ थपथपाना पत्रकारिता के सामने बड़ी चुनौती

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  • ग्लोब मीडिया समूह ने पत्रकारिता दिवस पर की संगोष्ठी
  • शहर के जाने माने पत्रकारों ने किया मौजूदा हालात पर चिंतन
  • पहले अखबार छप कर बिकते थे, अब बिक कर छपते-ओंकार शर्मा

पत्रकारिता दिवस पर ग्लोब मीडिया समूह की संगोष्ठी में पत्रकारिकता की विश्वसनीय पर छाये संकट पर गहन चिंतन किया गया। यह भी कहा गया कि जब पत्रकार जनता के बीच न जाकर, जनता की भावनाओं को व्यक्त नहीं करते, सच छिपाते हैं, सत्ता में बैठे लोगों से सवाल करने के बजाय उनकी पीठ सहलाते हैं तब आप अविश्वासनीय हो जाते हैं। आप जनता के प्रतिनिधि नहीं रह जाते हैं। गोष्ठी में पत्रकारिता के दौरान आ रही तमाम समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। मेरठ शास्त्रीनगर स्थित शुभकामना वेक्वेट हाल में आयोजित संगोष्ठी के संयोजक वरिष्ठ पत्रकार नरेश उपाध्याय थे।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार श्रीकांत अस्थाना ने कहा कि यह खुद पर निर्भर करता है कि पत्रकार किसी संस्थान की नौकरी करने के लिए आया है या जनहित में पत्रकारिता करने। आपका जज्बा, आपके भाव क्या हैं, यह आप ही तय कर सकते हैं कोई दूसरा नहीं। जब पत्रकार जनता के बीच न जाकर, जनता की भावनाओं को व्यक्त नहीं करते, सच छिपाते हैं, सत्ता में बैठे लोगों से सवाल करने के बजाय उनकी पीठ सहलाते हैं तब आप अविश्वासनीय हो जाते हैं। आप जनता के प्रतिनिधि नहीं रह जाते हैं।

फर्स्ट बाइट के संपादक वरिष्ठ पत्रकार रवि शर्मा ने कहा कि टीवी टीआरपी के खेल में फंस गया और अखबार सर्कुलेशन में। छोटे समाचार पत्रों को पहले स्थानीय स्तर पर विज्ञापन मिल जाते थे पर अब संकट है। ऐसे में पत्रकारिता की विश्वसनीयता ही नहीं बल्कि पत्रकारिता एक संकट के दौर से गुजर रही है।
भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष विनीत अग्रवाल शारदा ने कहा कि आज पत्रकारिता बेहद चुनौती वाला कार्य हो गया है। इसके बावजूद पत्रकार बड़ी मेहनत से अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि एवं इतिहासकार डॉ. किरण सिंह ने हिंदी पत्रकारिता दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा-इसी जमीं से इसी खाक से उबरते चलो, बढ़ो दिलेरों अंधेरों से जंग करते चलो, सिसकती रात का ढांचा पिघलने वाला है, शहर करीब है सूरज निकलने वाला है। वरिष्ठ पत्रकार अशोक गोस्वामी ने कहा कि आज पत्रकारों के साथ उचित व्यवहार नहीं किया जा रहा है। छोटे अखबारों के पंजीकरण, नवीनीकरण आदि की प्रक्रिया बेहद जटिल कर दी गई है। फीस और जुर्माना भी बढ़ा दिया गया है।


कर्नल ओंकार शर्मा ने कहा कि पहले अखबार छपते थे तब बिकते थे, आज कुछ अखबार पहले बिक जाते हैं तब छपते हैं।
संचालन कर रहे प्रवक्ता कमलेश चंद शर्मा ने कहा कि पत्रकारों की जिंदगी एक दरिया है जहां हर रोज भंवर आते हैं। असली पत्रकारिता दिल की गहराई से की जाती है, जो अच्छाई के लिए और बुराई के खिलाफ होती है।
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. रविंद्र राणा ने कहा कि मुख्यधारा की पत्रकारिता आम आदमी से कटती जा रही है। अब गरीब आदमी, किसान, आदिवासी, दलित, मजदूर और महिलाओं की रोजी-रोटी का संघर्ष और उनके साथ जुल्म ज्यादती खबरों का हिस्सा नहीं होती हैं। टीवी चैनलों और अखबारों की पत्रकारिता कुलीन वर्ग तक सिमटती जा रही है जो चिंता का विषय है।

वरिष्ठ पत्रकार राकेश त्यागी ने कहा कि अखबारों का क्षेत्रीयकरण होने की वजह से आम आदमी की आवाज को मजबूती मिली है।
सेव इंडिया न्यूज के संपादक राजेश शर्मा ने कहा कि पत्रकरिता देश का चौथा स्तंभ है, लेकिन संविधान में जो सुविधाएं तीन स्तंभों को दी गई हैं वह चौथे स्तंभ के पास नहीं हैं। सरकार को चाहिए कि इस दिशा में ठोस कदम उठाएं। समाज को भी इस तरफ सोचना चाहिए।

 ग्लोब मीडिया समूह के बैनर तले आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र राणा, राजेश शर्मा, अधिवक्ता एसके दीक्षित व कर्नल ओंकार शर्मा। फोटो फर्स्ट बाइट.टीवी
ग्लोब मीडिया समूह के बैनर तले आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र राणा व  राजेश शर्मा, अधिवक्ता एसके दीक्षित व कर्नल ओंकार शर्मा।                                                                    फोटो फर्स्ट बाइट.टीवी

दैनिक जौली टाइम्स के संपादक महेंद्र नाथ उपाध्याय ने कहा कि अखबारों या मीडिया संस्थानों को छोटे-बड़े में बांटना उचित नहीं है। आज सरकार और समाज छोटे अखबारों की उपेक्षा कर रहे हैं। इससे इनके सामने आर्थिक संकट बढ़ा है।
अधिवक्ता एसके दीक्षित ने कहा कि पत्रकारों के सामने आज बड़ी चुनौतियां हैं। अतुल माहेश्वरी ने कहा कि अखबारों को छोटे और बड़ों में बांटकर देखना उचित नहीं है। कार्यक्रम के संयोजक नरेश उपाध्याय एवं विकासदीप त्यागी ने सभी का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया।
इससे पहले सभी अतिथियों को बैज लगाकर और माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। संगोष्ठी का शुभारंभ सभी अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
इस अवसर पर जगतवीर सिंह ‘जगन्नाथ’ कवि एवं पत्रकार सुदेश यादव दिव्य, धर्मपाल सिंह आर्य, वीडी स्वामी, प्रधानाचार्य आनंद कुमार सैनी, कैप्टन राजपाल सिंह, नरेंद्र गौड़, सुभाष गौड़, जयप्रकाश उपाध्याय, चंद्रभान उपाध्याय, सागर दीक्षित, गौहर अनवर, शाहवेज आदि मौजूद रहे।

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