यूपी में हड़ताल कर रहे 650 बिजली कर्मचारियों को सरकार ने किया नौकरी से बाहर
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का असर उत्तर प्रदेश में जगह जगह देखने को मिल रहा है। जिसके चलते राजधानी लखनऊ समेत अलग ललग जिलों में लोगों को मुश्किलात का सामना करना पड़ रहा है। इस पर नाराज़गी जताते हुए यूपी हाई कोर्ट ने विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे समेत बाकी नेताओं के खिलाफ वारंट जारी कर दिया है। कोर्ट ने नोटिस जारी कर पदाधिकारियों को तत्काल ही हड़ताल वापस लेने को कहा है।बता दें सरकार द्वारा दायर की गई याचिका के बाद न्यायालय ने यह एक्शन लिया है।
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर हाई कोर्ट तो सख्त हो ही गया है। वहीं अब सरकार ने भी बड़ी कार्रवाई करते हुए 650 आउटसोर्सिंग संविदा कर्मियों को नौकरी से बाहर कर दिया है। इसी के साथ कर्मचारी उपस्थित न कराने पर 7 एजेंसियों पर केस दायर किया गया है।जबकि काम न करने वालों पर तुरंत एफआईआर करने के निर्देश दिये हैं। जिन एजेंसियों पर केस दर्ज हुआ है उन सभी को प्रतिबंधित कर दिया गया है। भविष्य में वो अब कभी काम नहीं कर सकेंगी।
इससे पहले बिजली अपूर्ती विभाग बाधित करने व कर्मचारियों की हड़ताल को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट ने विभाग के कर्मचारी यूनियन नेताओं के खिलाफ शुक्रवार को अवमानना की कार्रवाई शरू की है। अदालत ने इन नेताओं को जमानती वाॅरंट जारी करते हुए 20 मार्च को अदालत में पेश होने के आदेश दिये। साथ ही उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन लिमिटेड यूपीपीसीएल ने कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए संयोजक शैलेंद्र दुबे समेत विभिन्न संगठनो के 18 पदाधिकारियों को नोटिस जारी कर हड़ताल वापस लेने को कहा है।
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