![फ्रंट-विंडो सीट के लिए 2,000 एक्स्ट्रा लगेंगे, पिछले हफ्ते एयरलाइन ने फ्यूल चार्ज वसूलना बंद किया था](https://firstbytetv.com/wp-content/uploads/2024/01/download-2.jpeg)
फ्रंट-विंडो सीट के लिए 2,000 एक्स्ट्रा लगेंगे, पिछले हफ्ते एयरलाइन ने फ्यूल चार्ज वसूलना बंद किया था
इंडिगो एयरलाइन ने आज यानी, 9 जनवरी से सीट सिलेक्शन फीस तय कर दी है। 222 सीटों वाले A321 विमान में फ्रंट में विंडो या आइल सीट चुनने पर ₹2,000 अतिरिक्त लगेंगे। उसी लाइन की मिडिल सीट के लिए यात्री को 1,500 रुपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे । सेकेंड और थर्ड रो की सभी सीटें ₹400 की समान दर पर मिलेंगी। 232 सीटों वाले A321 विमान और 180 सीटों वाले A320 विमान के लिए चार्ज एक समान हैं। 4 जनवरी को इंडिगो ने फ्यूल सरचार्ज हटाने की घोषणा की थी जिसके बाद एयरलाइन ने सीट सिलेक्शन फीस में यह बड़ा बदलाव किया है । अक्टूबर 2023 की शुरुआत से एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) की लगातार बढ़ रही कीमतों के कारण इंडिगो ने फ्यूल चार्ज वसूलना शुरू किया था। इसके लिए फ्यूल चार्ज के तौर पर 300 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक वसूले जा रहे थे । इंडिगो ने कहा- हम अपने यात्रियों को पसंदीदा सीटों के लिए रिजर्वेशन ऑप्शन देते हैं। आप विंडो सीट, आइल सीट या अतिरिक्त लेगरूम वाली सीट चुन सकते हैं। यदि आप पसंदीदा सीट नहीं खरीदना चाहते हैं तो आप अवेलेबल फ्री सीट का चयन कर सकते हैं या एयरपोर्ट पर चेक-इन के समय असाइन की गई सीट मिल जाएगी ।’ मान लीजिए भोपाल से बेंगलुरु जाने के लिए फ्लाइट टिकट का प्राइस 5000 रुपए है। अगर आप फ्रंट में विंडो या आइल सीट पर सफर करना चाहते हैं तो इसके लिए 2000 रुपए एक्स्ट्रा यानी, कुल 7,000 रुपए देने होंगे। वहीं अगर आपको उसी लाइन की मिडिल सीट पर सफर करना है तो 1,500 रुपए एक्स्ट्रा खर्च करने पड़ेंगे । यानी, कुल 6500 रुपए लगेंगे। फ्री सीट चुनने या एयरपोर्ट पर चेक-इन के समय असाइन की गई सीट के लिए कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगेगाइंडिगो के पास 320 से ज्यादा विमानों का बेड़ा है। अपने बेड़े के साथ इंडिगो रोजाना 1900 से ज्यादा फ्लाइट ऑपरेट करती है। यह एयरलाइन 81 डोमेस्टिक डेस्टिनेशन और 32 इंटरनेशनल डेस्टिनेशन को कवर करती है। भारत में सबसे ज्यादा मार्केट शेयर इंडिगो का ही है । दूसरी तिमाही में इंडिगो को ₹188.9 करोड़ का मुनाफा हुआ था। 5 साल में यह पहला मौका था, जब एविएशन कंपनी को किसी भी वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मुनाफा हुआ था। आम तौर पर इस तिमाही को एविएशन इंडस्ट्री के लिए कमजोर मांग वाला सीजन माना जाता है ।।