आरएसएस पदाधिकारी की जमीन की पैमाइश अटकाने पर अपर आयुक्त समेत चार अधिकारी निलंबित
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने चार अफसरों को निलंबित कर दिया है। जिन अफसरों पर निलंबन की यह कार्रवाई हुई है, उनमें लखनऊ मंडल के अपर आयुक्त (आईएएस) घनश्याम सिंह, बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह और बुलंदशहर की एसडीएम रेनु शामिल हैं। इनमें घनश्याम सिंह के अलावा सभी निलंबित अधिकारी पीपीएस हैं।
योगी सरकार द्वारा कराई गई जांच में पाया गया है कि इन अफसरों ने लखीमपुर खीरी में खेत की पैमाइश लटकाए रखी है। जमीन आरएसएस से जुड़े एक सीनियर लीडर की है। ये प्रकरण छह सालों से लंबित था। उस अवधि में जितने भी अधिकारी तैनात थे, सबके खिलाफ कार्रवाई हुई है। वर्तमान में ये सभी अफसर अलग-अलग जिलों में तैनात हैं। इन चारों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।
दरअसल, लखीमपुर खीरी के सदर भाजपा विधायक योगेश वर्मा का 24 अक्तूबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वह कलक्ट्रेट परिसर में बीच सड़क पर एसडीएम से लेकर कानूनगो की शिकायत करते हुए नजर आए। इस वीडियो में विधायक कह रहे थे कि सेवानिवृत्त शिक्षक विश्वेश्वर दयाल की भूमि की पैमाइश के लिए घूस में 5000 रुपये लिए गए। इस घूस की रकम को वापस किया जाए।
इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए। नियुक्ति विभाग ने लखीमपुर खीरी के डीएम से इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी थी। इसमें यह पूछा कि छह साल पहले यानी वर्ष 2019 के बाद कौन-कौन उप जिलाधिकारी, तसीलदार और नायब तहसील वहां तैनात रहे। उन्होंने पैमाइश के मामले में क्या कार्रवाई की। डीएम से मिली रिपोर्ट के आधार पर इन चारों अफसरों को दोषी पाया गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही निलंबन की यह कार्रवाई की गई है।
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