जब तमतमाये डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी बोले..ये मेरठ रावण की ससुराल है, यहां अच्छे अच्छे उलट कर चले गये…
हाल ही में राज्यसभा सांसद और फिर अब झारखंड के प्रदेश प्रभारी बनाये गये डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी किसी परिचय के मोहताज नहीं। उनकी कार्यशैली, उनका व्यक्तित्व और फिर स्कूटी अथवा स्कूटर के पीछे बैठकर चलने से सभी वाकिफ हैं लेकिन मेरठ के पुलिस अधिकारी जानकर भी अनजान बने हुए हैं। मेरठ सर्किट हाउस में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मिलने स्कूटी से पहुंचे डा. वाजपेयी को बाहर ही पुलिस ने रोक लिया। इस पर डा. वाजपेयी को अपने तेवर यह कहते हुए दिखाने पड़ गये कि ‘हां इनको तो गाड़ी वाले सांसद पसंद हैं। क्योंकि वो माल खाते और खिलाते हैं। हम न तो माल खिलाते हैं. हम न ही पैसे लेते हैं और न ही देते हैं। मैं सादा जीवन जीता हूं। फकीर हूं फकीरी पसंद है। जिस दिन मैंने अपनी फकीरी छोड़ दी तो जान बचानी मुश्किल हो जाएगी। मैंने कई बड़े-बड़े तीस मार खां देखे हैं। ये मेरठ है रावण की ससुराल, इसे मयदंत का खेड़ा कहते हैं, यहां अच्छे-अच्छे उलट कर चले गए।’
इस आशय का एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें पुलिस क्षेत्राधिकारी अरविंद चौरसिया उनको मनाते हुए भी नजर आ रहे हैं। दरअसल, आज मेरठ सर्किट हाउस में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा आये हुए थे। उनसे मिलने के लिये ही डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी स्कूटी से सर्किट हाउस पहुंचे थे। पुलिस ने उन्हें बाहर ही रोक दिया। जिस पर वाजपेयी भड़क गये। उन्होंने कहा कि उन्होंने फकीरी छोड़ दी तो जान बचाना भारी पड़ जाएगा।
दरअसल, लक्ष्मीकांत वाजपेयी उन नेताओं में शुमार हैं जो सादगी और जमीन से जुड़े रहकर जीवन जीते हैं। विधायक रहते हुए भी लक्ष्मीकांत वाजपेयी हमेशा अपने पुराने स्कूटर से ही शहर में घूमते नजर आते रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से वह स्कूटी पर ही आते-जाते हैं। कभी बुग्गी तो कभी ट्रैक्टर और स्कूटर यही लक्ष्मीकांत की सवारी होती है। जनता के बीच जाना हो या अफसरों के बीच बैठकों में स्कूटर, स्कूटी ही लक्ष्मीकांत का वाहन होता है।
2014 में जब नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने तब लक्ष्मीकांत वाजपेयी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष थे। उन्हीं के नेतृत्व में भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी में 71 सीटें जीती थीं। मेरठ शहर विधानसभा से चार बार के विधायक डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेयी यूपी में वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार आने के बाद से 2022 तक साइड लाइन थे।
विपक्ष सरकार के समय लक्ष्मीकांत मंत्री भी रहे। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू अर्पणा बिष्ट यादव, उनके समधी हरिओम यादव,पूर्व सांसद सर्वराज सिंह के पुत्र सिद्धराज सिंह समेत प्रमुख नेताओं की भाजपा में ज्वाइनिंग कराई। 29 मई को राज्यसभा में भेजा गया था। साथ ही शुक्रवार को झारखंड प्रदेश का चुनाव प्रभारी बनाया गया है।
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