डीएम का हत्यारा बाहुबली आनंद मोहन आया जेल से बाहर, स्वागत
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डीएम का हत्यारा बाहुबली आनंद मोहन आया जेल से बाहर, स्वागत

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बाहुबली नेता व पूर्व सांसद आंनद मोहन सिंह गुरूवार की सुबह जेल से रिहा हो गया। डीएम जी कृष्णैया की हत्या के बाद मिली उम्रकैद की सजा पूरी कर सोलह साल बाद आज वह जेल की सलाखों से निकल कर बाहर आ गया। आजकल जिस तरह का प्रचलन है,बाहर आने पर फूल मालाओं से लाद कर बाहुबली नेता का स्वागत किया गया। उसके स्वागत के लिये खासी भीड़ जमा होने की आशंका के चलते तड़के उसकी रिहाई की गई थी, बावजूद इसके समर्थक स्वागत करने पहुंचे थे।

जेल से बाहर आने के बाद बाहुबली के स्वागत में रोड शो निकाले जाने की तैयारी तेज हो गई है।  बताये गये कार्यक्रम के बाद आनंद मोहन सबसे पहले नगरपालिका चौक स्थित अपने कार्यालय जाएगा। यहां फ्रेंड्स ऑफ आनंद की तरफ से बाहुबली को सम्मानित किया जाएगा। इसके बाद उसका काफिला पैतृक गांव पंचगछिया की ओर बढ़ेगा। इस दौरान जगह-जगह  स्वागत किया जाना है। आनंद मोहन का रोड शो उसके गांव पंचगछिया के मां भद्र काली मंदिर परिसर में समाप्त होगा। यहां बाबा राम ठाकुर मैदान में दिन के 2 बजे बाहुबली का अभिनंदन समारोह रखा गया है। इसमें बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की संभावना है।

इससे पूर्व बुधवार को आनंद मोहन ने 15 दिन की पैरोल खत्म होने के बाद सरेंडर कर दिया था। तुरंत बाद ही जेल में रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। जेल वापस जाने से पूर्व आनंद ने अपनी रिहाई के बाद होने वाले सभी स्वागत कार्यक्रम की तैयारियों का स्वयं जायजा लिया था। जेल सूत्रों का कहना है कि आनंद मोहन का जेल में काफी सामान फ्रिज,टीवी, वाशिंग मशीन, जिम एक्सेसरीज आदि रखे हैं, इन्हें भी लाया जायेगा।

बता दें कि गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया पांच दिसंबर 1994 को हाजीपुर से गोपालगंज लौट रहे थे। मुजफ्फरपुर में आनंद मोहन के समर्थक उनकी गाड़ी पर टूट पड़े। पहले डीएम को पीटा गया और फिर गोली मार कर हत्या क दी गई। बाहुबली आनंद मोहन पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगा। घटना के बारह साल बाद 2007 में निचली अदालत ने आनंद को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। आजाद भारत का यह ऐसा पहला मामला है, जिसमें एक राजनेता को मौत की सजा सुनाई गई थी। 2008 में हाईकोर्ट ने इस सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। साल 2012 में आनंद मोहन ने सुप्रीम कोर्ट में सजा कम करने की अपील की। कोर्ट ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया था।

तब से आनंद मोहन जेल में था। जेल मैन्युअल के मुताबिक, आनंद को 14 साल की सजा पूरी करने के बाद परिहार मिल सकता था, लेकिन 2007 में जेल मैन्युअल में एक बदलाव की वजह से वह बाहर नहीं आ पाया था। अब सरकार ने जेल से बाहर निकालने के लिए नियम बदल दिए हैं। इसके बाद आनंद मोहन समेत 27 लोगों को सोमवार को रिहाई के आदेश जारी कर दिए गए। आनंद मोहन पर तीन और केस चल रहे हैं। जिन में बाहुबली को जमानत मिल चुकी है।

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