अकेले दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी बसपा-मायावती का ऐलान
बसपा प्रमुख मायावती ने एक बार फिर से स्पष्ट कर दिया है कि यह लोकसभा चुनाव बसपा अपने दम पर अकेले लड़ेगी। उनका यह फैसला अटल है। उनके इस बयान के बाद बसपा के आईएनडीआईए में शामिल होने की चर्चा पर विराम लग गया है। बसपा प्रमुख ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर तमाम तरह की अफवाह फैलाई जा रही हैं, जो गलत हैं। बसपा बहुजन समाज के हित में अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
1. बीएसपी देश में लोकसभा का आमचुनाव अकेले अपने बलबूते पर पूरी तैयारी व दमदारी के साथ लड़ रही है। ऐसे में चुनावी गठबंधन या तीसरा मोर्चा आदि बनाने की अफवाह फैलाना यह घोर फेक व गलत न्यूज़। मीडिया ऐसी शरारतपूर्ण खबरें देकर अपनी विश्वसनीयता न खोए। लोग भी सावधान रहें।
— Mayawati (@Mayawati) March 9, 2024
बसपा प्रमुख ने मीडिया के समक्ष आने की बजाय यह जानकारी एक्स (ट्वीटर) पर साझा की है। इसके जरिये मीडिया को भी मायावती ने आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मीडिया ऐसी शरारतपूर्ण खबरें देकर अपनी विश्वसनीयता न खोए, लोग भी सावधान रहें।
2. ख़ासकर यूपी में बीएसपी की काफी मज़बूती के साथ अकेले चुनाव लड़ने के कारण विरोधी लोग काफी बैचेन लगते हैं। इसीलिए ये आए दिन किस्म-किस्म की अफवाहें फैलाकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास करते रहते हैं। किन्तु बहुजन समाज के हित में बीएसपी का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला अटल।
— Mayawati (@Mayawati) March 9, 2024
बता दें कि इससे पूर्व 15 जनवरी को भी मायावती ने अपने बर्थडे पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। दरअसल, शुक्रवार को फिर से मीडिया में बसपा को लेकर तमाम चर्चाएं सामने आ रही थी। तमाम मीडिया की वेबसाइट और समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित हुई थी कि मायावती ने वैसे तो पिछले लोकसभा चुनाव से पहले भी अकेले ही लड़ने की घोषणा की थी। मगर बाद में सभी को चौंकाते हुए उन्होंने धुर विरोधी सपा से गठबंधन किया था। ऐसे में इस बार बसपा का कांग्रेस से गठबंधन हो सकता है। राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा थी है कि प्रियंका गांधी और मायावती की लोकसभा चुनाव में एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर टेलीफोन पर बातचीत भी हो चुकी है। यह बातचीत सोनिया गांधी की पहल पर शुरू की गई है।
उल्लेखनीय है कि 15 जनवरी को मायावती ने अपने बर्थडे पर कहा था कि गठबंधन से फायदा कम, नुकसान ज्यादा होता है। बसपा से कई पार्टियां गठबंधन करना चाहती हैं। मगर हम सभी पार्टियों से दूरी बनाकर रखेंगे। हालांकि, चुनाव के बाद सरकार में शामिल हो सकते हैं। दरअसल, मायावती का कहना है कि गठबंधन में बसपा का वोट तो दूसरी पार्टियों को मिलता है, मगर बसपा को उनका वोट नहीं मिलता है। 1993 और 1996 में BSP के गठबंधन का फायदा सपा, कांग्रेस को मिला था। 2002 में बसपा अकेले चुनाव लड़कर 100 सीट जीती थी।
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