भाजपा सरकार ने कहा-रामसेतु होने का सटीक दावा करना मुश्किल, कांग्रेस ने घेरा
रामसेतु के वजूद को लेकर छिड़ी बहस में अब स्वयं भाजपा घिर गयी है। एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में जवाब दिया है कि रामसेतु के वजूद के ठोस सबूत अभी नहीं मिले हैं क्योंकि ये करीब 18 हजार साल पहले का इतिहास है। जिस पुल की बात हो रही है वो करीब 56 किलोमीटर लंबा था, स्पेस टेक्नालॅाजी के जरिये पता चला है कि समुंद्र में पत्थरों के कुछ टुकड़े पाये गये हैं। कुल मिलाकर सीधे शब्दों में कहा जाये तो यह कहना मुश्किल है कि रामसेतु का वास्तविक स्वरूप वहां मौजूद है, हालांकि कुछ संकेत ऐसे भी मिले हैं जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां स्ट्रक्चर मौजूद हो सकता है। रामसेतु के वजूद के मुद्दे पर अभी तक कांग्रेस सवालों के घेरे में भाजपा द्वारा खड़ा किया जाता रहा है लेकिन अब ताजे बयान के बाद कांग्रेस ने भाजपा को ही घेर लिया है।
केंद्रीय मंत्री के इस बयान के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट किया है कि सभी भक्त जन कान खोल कर सुन लो और आँखें खोल कर देख लो। मोदी सरकार संसद में कह रही है कि राम सेतु होने का कोई प्रमाण नहीं है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह हरियाणा से निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा के सवाल का जवाब दे रहे थे। कार्तिकेय शर्मा ने सरकार से पूछा कि क्या सरकार हमारे गौरवशाली इतिहास को लेकर कोई साइंटिफिक रिसर्च कर रही है ? क्योंकि पिछली सरकारों ने लगातार इस मुद्दे को तवज्जो नहीं दी। इस पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि मुझे खुशी हो रही है कि हमारे सांसद ने रामसेतु को लेकर सवाल किया है। लेकिन इसे लेकर हमारी कुछ सीमाएं हैं क्योंकि यह करीब 18 हजार साल पूर्व का इतिहास है। जिस ब्रिज की बात हो रही है वह करीब 56 किमी लंबा था। स्पेस टेक्नोलॉजी के जरिए पता चला है कि समुद्र में पत्थरों के कुछ टुकड़े पाए गए हैं, इनमें कुछ ऐसी आकृति है जो निरंतरता को दिखाती हैं। समुद्र में कुछ आइलैंड और चूना पत्थर जैसी चीजें दिखीं हैं। अगर सीधे शब्दों में कहा जाए तो ये कहना मुश्किल है कि रामसेतु का वास्तविक स्वरूप वहां मौजूद है। हालांकि कुछ संकेत ऐसे भी हैं जिनसे ये पता चलता है कि स्ट्रक्चर वहां मौजूद हो सकता है। हम लगातार प्राचीन द्वारका शहर और ऐसे मामलों की जांच के लिए काम कर रहे हैं।
दरअसल, रामसेतु का कई पौराणिक कथाओं में जिक्र है। इसे लेकर किये जाने वाले दावों में से एक सबसे बड़ा दावा यह है कि भगवान राम ने इस सेतु को लंका पर चढ़ाई करने के लिए बनाया था। इससे बनाने में वानर सेना ने मदद की थी। दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष की तरफ से दावा किया जाता है कि आदम ने इस पुल को बनाया था। जहां तक बात साइंटिफिक रिसर्च की है तो एक्सपर्ट्स का कहना है कि समुद्र में उस जगह पानी उथला होने के चलते पत्थर दिखने लगे हैं। इसे लेकर साल 2007 में यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि ऐसे कोई भी प्रमाण नहीं है कि कथित रामसेतु को इंसानों ने बनाया था। इसे लेकर उस वक्त भी जमकर हंगामा हुआ था। आज भी इसका हवाला भाजपा नेता देते हुए कांग्रेस को घेरने में लगे रहते हैं।
भाजपा लगातार कांग्रेस पर यह आरोप लगाती आई है कि वह रामसेतु के अस्तित्व को नहीं मानती है। वहीं, अब भाजपा सरकार के संसद में जवाब से मामला और गरमा गया है। अब कांग्रेस इसे लेकर सरकार को घेर रही है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने यह ट्विटर किया है।
सभी भक्त जन कान खोल कर सुन लो और आँखें खोल कर देख लो।
मोदी सरकार संसद में कह रही है कि राम सेतु होने का कोई प्रमाण नहीं है। pic.twitter.com/MjNUKTdtIK— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) December 23, 2022
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