“शरबत जिहाद” पर बाबा रामदेव को कड़ी फटकार,कोर्ट ने कहा यह “अक्षम्य” है
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“शरबत जिहाद” पर बाबा रामदेव को कड़ी फटकार,कोर्ट ने कहा यह “अक्षम्य” है

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  • व्यवसायिक प्रतिस्पर्द्धा में रामदेव आगे बढ़े
  • रूह अफजा को जिहाद से जोड़कर कर  बताया
  • कंपनी की याचिका पर कोर्ट ने दिया फैसला
  • पांच दिन में सभी वीडियो हटाने के आदेश 
  • पूर्व में भी भ्रामक प्रचार का केस झेल चुके हैं रामदेव

व्यवसायिक प्रतिस्पर्द्धा में दो कदम आगे बढ़ते हुए रूह अफजा को शरबत जिहाद शब्द से जोड़ने जाने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को बाबा रामदेव को कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस अमित बंसल ने तो यहां तक कह दिया कि यह बयान माफी लायक भी नहीं हैं। इस बयान ने कोर्ट की अंतरआत्मा को झकझोर दिया है। कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद पंतजलि के संस्थापक बाबा रामदेव ने कहा कि हम ऐसे सभी वीडियो हटा लेंगे जिसमें धार्मिक टिप्पणियां की गई हैं।

दरअसल, योग सिखाते सिखाते योग गुरू से बिजनेसमैन बने बाबा रामदेव ने तीन अप्रैल को पतंजलि के शरबत की लांचिग की थी। इस दौरान  उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा था कि एक कंपनी शरबत बनाती है। उससे जो पैसा मिलता है, उससे मदरसे और मस्जिदें बनवाती है। इससे थूक व मूत्र को जोड़ते हुए बाबा रामदेव ने कहा था कि जैसे लव जिहाद और वोट जिहाद चल रहा है, वैसे ही शरबत जिहाद भी चल रहा है।

रामदेव ने कहा था कि अगर आप पतंजलि का शरबत पिएंगे, तो गुरुकुल बनेंगे, आचार्य कुलम बनेगा। पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढ़ेगा।

इसे लेकर विवाद गहराया तो बाबा रामदेव ने 12 अप्रैल को एक और वीडियो पोस्ट की। इसमें  रामदेव ने कहा, ‘मैंने एक वीडियो डाला, उससे सबको मिर्ची लग गई। मेरे खिलाफ हजारों वीडियो बनाए गए। कहा जाने लगा कि मैंने शरबत जिहाद का नया शिगूफा छोड़ दिया। अरे मैंने क्या छोड़ा, ये तो है ही। लव जिहाद, लैंड जिहाद, वोट जिहाद, बहुत तरह के जिहाद चलाते हैं ये लोग। मैं ये नहीं कह रहा कि वो आतंकवादी हैं, लेकिन इतना जरूर है कि उनकी इस्लाम के प्रति निष्ठा है।’

बाबा रामदेव के इन  बयानों के खिलाफ रूह अफजा शरबत बनाने वाली कंपनी हमदर्द ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कंपनी की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलील देते हुए कहा कि यह धर्म के नाम पर हमला है। सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने इस शब्दावली पर नाराजगी जताते हुए आगामी पांच दिन में संबंधित सभी वीडियो हटाने के आदेश दिये हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि रामदेव एक हलफनामा दें कि आगे वह इस तरह की बयानबाजी नही करेंगे। अदालत ने यह भी कहा कि रामदेव ऐसी बातें अपने दिमाग तक सीमित रखें, इन्हें जाहिर न करें। कोर्ट के समक्ष पंतजलि के अधिवक्ता राजीव नायर ने कहा कि हम सभी वीडियो हटा लेंगे।

इससे पूर्व रोहतगी ने कोर्ट में कहा था कि रामदेव ने अपने बयान के जरिए धर्म के आधार पर हमदर्द कंपनी पर हमला किया है। उन्होंने शरबत जिहाद का नाम दिया। रामदेव का नाम मशहूर है, बिना किसी दूसरे प्रोडक्ट की बुराई के वे पतंजलि का सामान बेच सकते हैं। यह बयान बुराई करने से आगे निकल गया है, यह धार्मिक बंटवारा करता है। रामदेव का कमेंट हेट स्पीच की तरह ही है।

रोहतगी ने भ्रामक विज्ञापनों के केस की याद दिलाई और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को लोगों से माफी मांगने का आदेश दिया था। रोहतगी बोले कि विज्ञापनों के जरिए लोगों में भ्रम फैलाया गया और ऐलोपैथिक दवाइयों के खिलाफ बयान भी दिए थे। बता दें कि इस मामले में भी कोर्ट ने बाबा रामदेव को कड़ी फटकार लगाई थी।

इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने 14 अप्रैल को कहा था, ‘रामदेव अपने शरबत का खूब प्रचार करें, लेकिन हमदर्द कंपनी के रूह अफजा शरबत को जिहाद से न जोड़ें। अगर उन्हें ‘जिहाद’ शब्द से इतनी मोहब्बत हो गई है कि वह लव जिहाद, शरबत जिहाद, लैंड जिहाद जैसी फेहरिस्त गिनाने लगे हैं, तो पलटकर अगर कोई उनके बारे में कह दे कि योग जिहाद, गुरु जिहाद, पतंजलि जिहाद तो उन्हें कैसा लगेगा ?’

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