खौफ का पर्याय अतीक अहमद अब खुद खौफ के साये में यूपी रवाना
- आतंक के पर्याय अतीक अहमद को अब खुद खौफ के साये में
- यूपी एसटीएफ साबरमती से लेकर रवाना
- प्रयागराज की कोर्ट में पेश होगा माफिया
- राजस्थान की सीमा में किया पुलिस काफिले ने प्रवेश
- सुबह साढे़ नौ बजे लेने पहुंच गयी यूपी पुलिस
- अतीक ने कहा कोर्ट के आदेश के नाम पर मारना चाहते हैं
- 30 घंटे का सफर काटना अतीक के लिए बड़ी चुनौती
उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बना माफिया डान अतीक अहमद अब खुद को आतंक के साये में आ पा रहा है। यूपी एसटीएफ की टीम सुबह साढ़े नौ बजे गुजरात के अहमदाबाद साबरमती जेल उसे लेने पहुंच गई थी। अतीक अहमद यूपी बिल्कुल भी नहीं आना चाहता था और इसके लिये उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी यह कहते हुए खटखटाया था कि उसे अपनी जान का खतरा है। साबरमती जेल से बाहर आये अतीक अहमद के चेहरे पर खौफ के बादल मंडरा रहे थे। तभी उसने कहा भी कि यूपी पुलिस कोर्ट के नाम पर उसे मारना चाह रही है।
बहरहाल, साबरमती से अतीक को लेकर पुलिस का काफिला गुजरात पार करते हुए राजस्थान की सीमा में दाखिल हो चुका है। उसे प्रयागराज लाया जा रहा है। वहां तक पहुंचने में उसे करीब 30 घंटे लगने हैं। उसे लाने के लिये तीस पुलिस कर्मी लगाये गये हैं। बता दें कि दो दिन पहले ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने स्पेशल टास्क फोर्स की इस टीम का गठन किया गया है। टीम को शुक्रवार बताया गया कि वह तुरंत प्रयागराज पुलिस मुख्यालय पहुंचे। ये से हथियारों समेत सभी को गाडियों में बैठकर अहमदाबाद रवाना कर दिया गया। बताया गया है कि सिर्फ पांच पुलिस अफसरों के पास मोबाइल हैं, बाकी सभी के जमा करा लिये गये हैं।
बताया गया कि यह टीम जब अहमदाबाद पहुंची तो उन्हें सीधे हाई सिक्योरिटी जोन वाले साबरमती जेल जाने का निर्देश मिला। यहां पहले से मौजूद कुछ अधिकारी गैंगस्टर अतीक अहमद का ट्रांसफर वारंट लेकर खड़े थे। कागजी कार्रवाई पूरी कर यूपी STF की टीम अतीक को लेकर शाम 5.45 बजे अहमदाबाद से निकली।
दरअसल, अतीक अहमद को उमेशपाल के सनसनीखेज हत्याकांड में नामजद किया गया है। 24 फरवरी को उमेशपाल की उस वक्त गोली व बम मार कर हत्या कर दी गई थी जब वह कार से उतर रही रहा था। इस दौरान उसकी सुरक्षा में तैनात एक पुलिस कर्मी की मौके पर ही मौत हो गयी थी जबकि दूसरे की मौत उपचार के दौरान हुई। यूपी की कानून व्यवस्था को झकझोरने वाली इस घटना में मोस्टवांटेड अतीक का बेटा असद भी शामिल है। उमेश पाल पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह था। उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद के साथ अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। अतीक को जबरन वसूली और दंगा भड़काने के केस में प्रयागराज की कोर्ट में भी पेश होना है।
माफिया सरगना अतीक को जून 2019 में साबरमती जेल शिफ्ट किया गया था।अतीक पर रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और हमले की साजिश रचने का आरोप है। उमेशपाल हत्याकांड में पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है। कई लोगों के मकान का बुलडोजर चलने के साथ ही एनकाउंटर भी किया गया है। दूसरों के लिये आतंक बना अतीक को अब अपनी जान खतरे में नजर आ रही है। माफिया विकास दूबे का जिस तरह गाड़ी पलटने पर एनकाउंटर हुआ था उसे देखते हुए दूसरे की सांस थामने वाले अतीक अहमद की अब खुद की सांसे थमी हुई हैं।
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