अरविंद केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत,लेकिन अधिकारिक कार्य की अनुमति नहीं
- दिल्ली शराब घोटाले में मिली केजरीवाल को अंतरिम जमानत
- 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था केजरीवाल को
- इस गिरफ्तारी के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई
- कोर्ट ने अंतरिम जमानत तो दी लेकिन कार्य करने की अनुमति नहीं
- अधिवक्ता ने दलील दी-बिना कामकाज के सीएम ?
- आम आदमी पार्टी में खुशी की लहर, भाजपा को बड़ा झटका
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है। कोर्ट ने एक जून तक केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। जमानत के साथ ही कोर्ट ने कहा कि वह कोई भी अधिकारिक कार्य नहीं करेंगे। जिस पर केजरीवाल ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से वचन दिया कि वह कोई भी अधिकारिक कार्य नहीं करेंगे। इसके साथ ही अब अरविंद केजरीवाल का पंजाब,हरियाणा और दिल्ली के लोकसभा चुनाव में प्रचार करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। वह जल्द ही पार्टी व इंडिया गठबंधन प्रत्याशी का प्रचार करते नजर आयेंगे। अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने से जहां आम आदमी पार्टी में खुशी की लहर दौड़ गई है वहीं भाजपा के लिये यह बड़ा झटका माना जा रहा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इससे पूर्व उन्हें करीब दस बार ईडी द्वारा समन किया गया था लेकिन वह ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली शराब घोटाले में शामिल होने का आरोप ईडी ने कोर्ट के समक्ष लगाया है। अरविंद केजरीवाल इस गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं।
शुक्रवार को इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सभी दलीलों को सुनते हुए कहा कि हम 1 जून तक अंतरिम रिहाई देने जा रहे हैं। इस दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली सीएम की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर जुलाई में सुनवाई की मांग की थी।
मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal जी की साज़िशन गिरफ़्तारी के खिलाफ Human Chain
🗓️ 10 मई
🕔 शाम 5 बजे
📍 CP Inner Circle, Gate number 2, पालिका बाजार#जेल_का_जवाब_वोट_से pic.twitter.com/YScB0Zb7xF— AAP (@AamAadmiParty) May 10, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा कि उनकी इस याचिका पर बहस भी अगले सप्ताह खत्म करने की कोशिश करेंगे। ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ने जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ से गुजारिश की कि समय खत्म होने पर अरविंद केजरीवाल को सरेंडर करने को कहा जाए। इस पर अदालत ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को 2 जून को समर्पण करना होगा। अंतरिम जमानत देते हुए शर्तों को लेकर कोर्ट ने कुछ नहीं कहा है।
दरअसल, दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उनके सामने एक शर्त रखी है। कोर्ट ने कहा कि आपको अंतरिम जमानत दी जा रही है लेकिन आप अधिकारिक कार्य नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट की इस शर्त पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मैं वचन दे सकता हूं कि वो (केजरीवाल) किसी फाइल पर साइन नहीं करेंगे। सिंघवी की दलील पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केजरीवाल बिना विभाग के सीएम हैं और इनके साइन करने का मतलब नहीं। इसके जवाब में सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल हर रोज दस फाइल पर साइन करते हैं।
सत्यमेव जयते 💯
देश की सभी संस्थाएं आम आदमी पार्टी के पीछे लगा दी गईं। हमारे तमाम नेताओं को जेल में डाल दिया।
लेकिन हमें देश की क़ानून व्यवस्था पर भरोसा था और सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से आज संविधान और सत्य की जीत हुई। @Jasmine441 pic.twitter.com/2NFWz49XUd
— AAP (@AamAadmiParty) May 10, 2024
सुनवाई के दौरान सिंघवी ने यह भी कहा कि दिल्ली में 25 मई जबकि पंजाब में 1 जून को लोकसभा चुनाव है। कोर्ट ने कुछ समय सुनवाई के बाद इस बात को समझा है कि केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं है। केजरीवाल पर कोई ऐसा गंभीर आरोप नहीं कि रिहा करना गलत होगा। सिंघवी ने कहा कि पहले भी ऐसा हुआ है कि जमानत पर बाहर आए व्यक्ति को राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने दिया गया है।
सिंघवी ने सवाल किया कि इससे क्या जनहित होगा ? इसको लेकर जजों ने कहा कि निश्चित रूप से इससे जनहित जुड़ा है। हम इसकी इजाजत नहीं दे सकेंगे। सिंघवी ने कहा कि मतलब ऐसा सीएम जिसको सरकार चलाने का अधिकार नहीं ? इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप इसे जैसे भी देखें।
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