भारतीय एतराज के बाद अमेरिका ने केजरीवाल की गिरफ्तारी व कांग्रेस के खाते फ्रीज करने पर जताई फिर चिंता
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी व चुनाव से पूर्व कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज करने का मामला अमेरिका तक जा पहुंचा है। इससे पूर्व जर्मनी ने भी अपना ब्यान जारी किया था। अमेरिका की तरफ से यह ताजातरीन बयान भारत द्वारा द्वारा नाराजगी जताये जाने के बाद आया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने चिंता जताते हुए कहा कि हम अपने स्टैंड पर कायम हैं और इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि मामले में निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। अमेरिका ने कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज करने पर भी बयान जारी कर कहा है कि हमें उम्मीद है कि निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जायेगा।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बुधवार की रात प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि हम अपने स्टैंड पर कायम हैं और इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि मामले में निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। मैथ्यू मिलर ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाए हैं कि टैक्स अथॉरिटी ने उनके बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं। इससे उन्हें चुनाव कैंपेन चलाने में दिक्कतें हो सकती हैं। हम उम्मीद करते हैं कि निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
दरअसल, अमेरिका ने 26 मार्च की रात भी सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी पर बयान दिया था। अमेरिका ने कहा था कि हमारी सरकार केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले पर नजर बनाए हुए है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इस दौरान कानून और लोकतंत्र के मूल्यों का पालन किया जाना चाहिए। अमेरिका का यह बयान उस वक्त आया है जब बुधवार को ही भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर अमेरिकी डिप्लोमैट ग्लोरिया बारबेना को तलब किया था। उनके बीच करीब 40 मिनट तक बैठक हुई थी।
🇬🇧 UK
🇩🇪 Germany
🇺🇸 USA
🇦🇺 Australia🌏 पूरी दुनिया में चर्चा में है Modi की तानाशाही और भारत में लोकतंत्र की बदहाली।
विश्व विख्यात CM @ArvindKejriwal को गिरफ्तार कराया है Modi जी ने, दुनिया को जवाब तो देना पड़ेगा। pic.twitter.com/rgw2BJps5Z
— AAP (@AamAadmiParty) March 27, 2024
भारतीय मंत्रालय ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि भारत में कानूनी कार्रवाई पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान गलत है। कूटनीति में उम्मीद की जाती है कि देश एक-दूसरे के आंतरिक मसलों और संप्रभुता का सम्मान करेंगे। अगर दो देश लोकतांत्रिक हों तो इसकी उम्मीद और बढ़ जाती है, नहीं तो अव्यवस्था की स्थिति बन सकती है। भारत में कानूनी प्रक्रिया एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित है। उस पर कलंक लगाना या सवाल उठाना स्वीकार नहीं किया जाएगा।
बता दें कि इससे पूर्व 23 मार्च को इस मामले में जर्मनी ने भी बयान दिया था। जर्मनी ने कहा था कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमें उम्मीद है कि यहां न्यायालय आजाद है। केजरीवाल के मामले में भी लोकतंत्र के उसूलों का पालन किया जाएगा। केजरीवाल को बिना रुकावट कानूनी मदद मिलेगी। जब तक दोष साबित न हो तब तक किसी भी शख्स को निर्दोष मानने के कानूनी सिद्धांत का पालन होना चाहिए।
इस बयान पर भारत ने भारत ने उनकी ऐंबैसी के डिप्टी हेड को तलब कहा था कि जर्मनी भारत के आतंरिक मामलों में दखलंदाजी न करे। हम इस तरह के बयानों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में दखल मानते हैं। इस तरह के बयान हमारे न्यायालय की निष्पक्षता और आजादी पर सवाल खड़े करते हैं। भारत एक ताकतवर लोकतंत्र है, जहां कानून का पालन होता है। दूसरे मामलों की तरह इस मामले (केजरीवाल की गिरफ्तारी) में भी कानून के तहत कार्रवाई होगी।
दरअसल, शराब नीति घोटाला के आरोप में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। वह 28 मार्च यानी आज गुरूवार तक ईडी की हिरासत में हैं। आम आदमी पार्टी का कहना है कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलायेंगे और वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। वहीं दिल्ली के एलजी ने कहा है कि जेल से सरकार नहीं चलेगी।
बीते दिवस अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने मीडिया के समक्ष आते हुए कहा था कि ईडी को छापे में घर से महज 73 हजार रुपए बरामद हुए थे तो कथित शराब घोटाले का पैसा कहां है ? सुनीता ने बताया कि दिल्ली सीएम अपने दावों को लेकर सबूत भी पेश करेंगे। केजरीवाल बीमार हैं। उनकी सेहत गिर रही है। लेकिन वह डरने वाले नहीं है। केजरीवाल एक खुलासा करेंगे। केजरीवाल को दिल्ली वालों की चिंता है।
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