काबुल। लौटते हुए जिस अमेरिका ने अपने सारे हथियार अफगानिस्तान छोड़ कर तालिबान को और अधिक घातक बना दिया है उसके हथियारों की बिक्री पर अमेरिका ने रोक लगा दी है। रक्षा ठेकेदारों के लिए बुधवार को जारी किए गए एक नोटिस में विदेश विभाग के राजनीतिक/सैन्य मामलों के ब्यूरो ने कहा कि अफगानिस्तान को लंबित या हस्तांतरण नहीं किए गए हथियारों को लेकर समीक्षा की गई। अफगानिस्तान में तेजी से बदलती परिस्थितियों के मद्देनजर रक्षा बिक्री नियंत्रण निदेशालय विश्व शांति को आगे बढ़ाने, राष्ट्रीय सुरक्षा और अमेरिका की विदेश नीति में उनकी उपयुक्तता निर्धारित करने के लिए सभी लंबित और जारी किए गए निर्यात लाइसेंस और अन्य मंजूरी की समीक्षा कर रहा है.’ नोटिस में कहा गया है कि वह आने वाले दिनों में रक्षा उपकरण निर्यातकों के लिए अद्यतन जानकारी साझा करेगा।
अफगानों ने निकालने की अमेरिका से गुहार लगाई
इधर, तालिबान से सबसे ज्यादा जोखिम का सामना कर रही शिक्षित युवा महिलाएं, अमेरिका सेना के पूर्व अनुवादकों और अन्य अफगानों ने बाइडन प्रशासन से उन्हें निकासी उड़ानों में ले जाने का आग्रह किया है जबकि अमेरिका काबुल हवाईअड्डे पर जारी अव्यवस्था को ठीक करने में बुधवार को भी संघर्ष करता दिखा है।
अमेरिकी सेना के साथ उनके काम के चलते खतरे में पड़े अफगान नागरिक और बाहर निकलने को बेताब अमेरिकी नागरिकों ने भी वाशिंगटन से लालफीताशाही में कटौती करने की अपील की है जिसके बारे में उनका कहना है कि अगर आने वाले दिनों में अमेरिकी बल योजना के मुताबिक अफगानिस्तान से लौटते हैं तो हजारों कमजोर अफगान परेशानी में फंस सकते हैं।
गैर सरकारी संगठन ‘एसेंड’ की अमेरिकी प्रमुख मरीना केलपिंस्की लेग्री ने कहा, “अगर हम इसे नहीं सुलझाते हैं, तो हम सचमुच लोगों की मौत का आधिकारिक आदेश दे रहे होंगे.” कई दिनों से जारी आंसू गैस और गोलियों की बौछार के बीच संगठन की युवा अफगान महिला सहकर्मी हवाई अड्डे पर उड़ानों की प्रतीक्षा कर रहे लोगों की भीड़ में शामिल हैं।
बता दें कि अमेरिका ने हवाई अड्डे सुरक्षित करने के लिए सैनिकों, परिवहन विमानों और कमांडरों को भेजा है। तालिबान से सुरक्षित मार्ग की गारंटी मांगी है और एक दिन में 5,000 और 9,000 लोगों को लाने-ले जाने के लिए उड़ानें बढ़ा दी हैं। उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने अफगानों और सहयोगियों को सुरक्षित करने के लिए इसे अमेरिकी अधिकारियों का चौतरफा प्रयास बताया, लेकिन रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने इस संबंध में गंभीर टिप्पणी की है।