बेसिक शिक्षा मंत्री के ‘गरीब’ भाई डा अरूण ने फजीयत के बाद दिया इस्तीफा
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बेसिक शिक्षा मंत्री के ‘गरीब’ भाई डा अरूण ने फजीयत के बाद दिया इस्तीफा

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-बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई ने पायी कोटे में नियुक्ति

-आर्थिक कमजोर वर्ग में नौकरी पाने पर हुआ बवाल

-विपक्ष व आप पार्टी ने किया धरना प्रदर्शन

-राज्यपाल ने कुलपति से मांगी थी रिपोर्ट

-विवाद थामने को दिया पद से इस्तीफा

 

लखनऊ। ईओ डब्ल्यू कोटे से असिस्टेंट प्रोफेसर बनाये गये यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी के भाई डा अरूण ने भारी फजीयत के बाद सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में इस पद से इस्तीफा दे ही दिया। मंत्री के भाई होते हुए खुद को आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य अभ्यर्थी के रूप में वह यह नियुक्ति पाये थे। इस कोटे से नियुक्ति पाने के तुरंत बाद ही इस पर विवाद खड़ा हो गया था और विपक्ष ने सरकार की कार्यशैली पर पक्षपातपूर्ण रवैये के आरोप चस्पा कर दिये थे।

डा. अरुण पर यह आरोप भी है कि उन्‍होंने अपनी पत्‍नी के भी नौकरी में रहते हुए और उन्‍हें करीब सत्तर हजार रुपए से ज्‍यादा वेतन मिलते हुए गलत ढंग से ईडब्‍लूएस सर्टिफिकेट हासिल किया था। अरुण द्विवेदी की पत्नी डॉ.विदुषी दीक्षित मोतिहारी जनपद के एमएस कॉलेज में मनोविज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। डा. अरुण भी पूर्व में वनस्थली विश्वविद्यालय में नौकरी करते थे। मामला ज्यादा बढ़ने पर राजभवन ने भी सिद्धार्थ विवि के कुलपति से पूरे मामले में जवाब-तलब किया था। कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे का कहना है कि राजभवन से मंत्री के भाई की नियुक्ति के मामले में जो भी जानकारी मांगी गई थी, उसे भेज दिया गया है। अब अरुण के प्रमाणपत्र की जांच एक माह में ही कराई जायेगी जबकि यह जांच नियुक्ति के छह महीने के भीतर करायी जाती है। जांच में अगर रिपोर्ट निगेटिव रहती है तो नियुक्ति निरस्त हो जाएगी। यदि रिपोर्ट सही मिलती है तो वह सेवा में बने रहेंगे। इस बीच डा.अरुण द्विवेदी ने बुधवार को खुद इस्‍तीफा देकर मामले को लेकर छिड़े विवाद को थामने की कोशिश की है।

 

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