घोटालेबाज विजेद्र हुडा साथियों समेत भेजा गया जेल
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घोटालेबाज विजेद्र हुडा साथियों समेत भेजा गया जेल

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  • मोनाड यूनिवर्सिटी में चला रहा था फर्जी डिग्री बेचने का धंधा
  • 4300 करोड़ के बाइक बोट घोटाले का मास्टर माइंड रहा
  • बाइक बोट घोटाले के आरोपी संजय भाटी को अभी भी जेल में 
  • मोनाड यूनिवर्सिटी में मिली फर्जी मार्कशीट व डिग्रियां
  • कुलपति एनके सिंह समेत दस को जेल भेजा
  • रेड कार्नर के बावजूद मिली थी विजेंद्र को जमानत
  • इस घोटाले के बाद ही कई शिक्षण संस्थानों का बना मालिक 

मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन चौ.विजेंद्र सिंह हुड्डा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। यह गिरफ्तारी फर्जी मार्कशीट बनाने का धंधा संचालित करने के आरोप में की गई है। एसटीएफ द्वारा की गई इस गिरफ्तारी में यूनिवर्सिटी के कुलपति एनके सिंह व अन्य स्टाफ भी शामिल है। इन सभी को रविवार की शाम न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। विजेंद्र हुड्डा का नाम 4300 करोड़ रुपये की बाइक बोट घोटाले में सामने आया था। पांच लाख रूपये का इनाम, रेड कार्नर नोटिस जारी होने के बावजूद वह बाहर से बाहर ही जमानत पाने में कामयाब हो गया था। जो यह दर्शाता है कि उसकी पैसे के बल पर यह पहुंच कितनी गहरी है। सब कुछ होते हुए वह बाहर धड़ल्ले से घूमता रहा लेकिन गिरफ्तारी भी हुई तो फर्जी मार्कशीट बना कर पैसे कमाने के आरोप में।

दरअसल,बीते दिवस एसटीएफ ने पिलखुआ स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी में बेहद सुनियोजित तरीके से छापा मारा था। एसटीएफ के मुताबिक एक सूचना के आधार पर हिरासत में लिये गये  संदीप कुमार उर्फ संदीप सेहरावत निवासी हरियाणा ने बताया कि विजेद्र हुड्डा के कहने पर बीए,बीए एलएलबी, फार्माशिस्ट,बी टेक आदि की फर्जी मार्कशीट व डिग्री वह छापता है। ये लोग डिग्री के बदले पचास से पांच लाख रुपये वसूलते हैँ। इस पर मारे गये छापे में विजेंद्र हुड्डा. एनके यानी नितिन कुमार सिंह आदि वहां मौजूद मिले। एसटीएफ को वहां से भारी मात्रा में फर्जी अंकपत्र,डिग्री, माइग्रेशन, आदि बरामद हुए।
बकौल एसटीएफ विजेंद्र सिंह हुड्डा 2017 में हुए बाइक बोट घोटाले का मास्टर माइंड रहा है। हुड्डा के खिलाफ सौ से ज्यादा मुकदमे कई जिलों में दर्ज हैं। हुड्डा 2022 से मोनार्ड यूनिवर्सिटी का संचालन कर रहा है। एसटीएफ द्वारा जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें इस गैंग का मुखिया विजेंद्र सिंह हुड्डा निवासी कंकरखेड़ा,आनंद लोक रूडकी रोड मेरठ निवासी एनके सिंह, मुकेश ठाकुर,गौरव शर्मा, इमरान, अनिल बत्रा, विपुल ताल्यान, कुलदीप,सनी कश्यम,संदीप शामिल हैं।
एसटीएफ की यह भी जानकारी में आया है कि फर्जी मार्कशीट व डिग्री बेचने वाला यह गिरोह ज्यादातर बिहार में जिलों में काम करता था। पिछले दिनों शिक्षकों की हुई भर्ती में भी बड़े पैमाने पर मोनार्ड यूनिवर्सिटी की डिग्रियों का इस्तेमाल किया गया है,इसकी भी जांच की जा रही है।
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