आतिशी ने केजरीवाल के लिये “खाली कुर्सी” के साथ मुख्यमंत्री का पदभार संभाला
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आतिशी ने केजरीवाल के लिये “खाली कुर्सी” के साथ मुख्यमंत्री का पदभार संभाला

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दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने आज दोपहर अपना पदभार संभाल लिया। करीब 12 बजे आफिस  पहुंची आतिशी ने सभी औपचारिकताएं पूर्ण की और फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो गयी। विशेष बात यह रही कि आतिशी ने सीएम ऑफिस में एक खाली कुर्सी छोड़ी दी और खुद दूसरी कुर्सी में बैठीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने ये खाली कुर्सी अरविंद केजरीवाल के लिए छोड़ी है। उन्हें पूरा भरोसा है फरवरी में चुनाव बाद दिल्ली के लोग केजरीवाल को फिर से इसी कुर्सी पर बिठाएंगे। तब तक ये कुर्सी इसी कमरे में रहेगी और केजरीवाल का इंतजार करेगी।

बता दें कि दिल्ली शराब नीति केस में 13 सितंबर को जमानत पर बाहर आने के बाद केजरीवाल ने 17 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वह भी तब जबकि जेल में रहने के दौरान भाजपा बराबर उन पर इस्तीफा देने का दबाव बना रही थी। केजरीवाल ने इस दबाव के चलते इस्तीफा न देकर जमानत पर बाहर आने के बाद इस कार्य को अंजाम दिया। केजरीवाल ने यह भी दर्शाने की  कोशिश की वह भाजपा के दबाव में आने वाले नहीं हैं। अब अपनी इच्छा से इस्तीफा दे रहे हैं।

हालांकि उनके इस फैसले के पीछे की कई और भी वजह हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जब उन्हें जमानत दी तो साथ ही यह शर्त भी रख दी कि वह मुख्यमंत्री ऑफिस नहीं जाएंगे और न ही किसी फाइल पर साइन करेंगे। यानी जेल से बाहर आने और मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके पास पावर नहीं रही।

इसके अलावा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है। यानी सरकार के पास चुनाव में सिर्फ 5 महीने ही बचे हैं। इस दौरान सरकारें लोक-लुभावन चुनावी फैसले लेती हैं। केजरीवाल कोर्ट की शर्तों में बंधे हैं। जेल से छूटने के बाद केजरीवाल के साथ सहानुभूति है। दो-तीन महीने पहले दिल्ली में चुनाव की मांग कर केजरीवाल इसे भुनाना चाहेंगे।

उधर, आज पदभार संभालने के बाद आतिशी ने भगवान श्री राम व भरत प्रकरण का जिक्र करते हुए कहा कि अगले चार माह वह भरत की तरह शासन चलायेंगी। आतिशी ने कहा कि आज उन्होंने दिल्ली के सीएम का कार्यभार संभाला है। आज उनके मन में वही व्यथा है जो भरत जी के थी।  भगवान श्रीराम के 14 साल के वनवास के दौरान भरतजी ने उनकी खड़ाऊ रखकर अयोध्या का शासन संभाला। उसी तरह से आने वाले चार माह के लिए वह दिल्ली सरकार चलायेंगी।

आतिशी का यह भी कहना है कि भगवान श्री राम ने अपने पिताजी द्वारा दिए गए एक वचन को निभाने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया। इसीलिए हम भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं। उनकी जिंदगी हम सबके लिए मर्यादा और नैतिकता की एक मिसाल है। बिल्कुल उसी तरह अरविंद केजरीवाल ने इस देश की राजनीति में मर्यादा और नैतिकता की एक मिसाल कायम की है।

इससे पूर्व आज आतिशी को दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री के तौर पर राजनिवास में उपराज्यपाल (LG) विनय सक्सेना ने शपथ दिलाई। शपथ के बाद आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के पैर छुए। आतिशी ​​​​​दिल्ली की सबसे युवा (43 साल) CM हैं। इससे पहले केजरीवाल 45 साल की उम्र में CM बने थे। आतिशी बतौर महिला सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं।

आतिशी ने शिक्षा, पीडब्ल्यूडी और वित्त समेत 13 विभाग अपने पास रखे। वहीं, सौरभ भारद्वाज को हेल्थ समेत 8 प्रमुख विभाग का जिम्मा दिया गया है। आतिशी कालकाजी सीट से तीन बार की विधायक हैं।

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