कावंड़ मार्ग की हर दुकान पर लगानी होगी नेमप्लेट, मालिक की पहचान बताना अनिवार्य-योगी
- ढाबों व फड़ पर नाम लिखने के आदेश के बाद भ्रम से भ्रम तक का सफर शुरू
- कावंड़ यात्रा सकुशल संपन्न कराने की मंशा-मुजफ्फरनगर पुलिस
- ढाबों व फड़ पर नाम लिखने के दिये गये निर्देश
- विपक्ष के साथ ही भाजपा नेताओं ने भी की मुखाल्फत
- किसी ने पुलिस को हिलटर की संज्ञा दी तो किसी ने कुछ और
- योगी सरकार में पुलिस का नजरिया काफी हद तक बदला
- पहले तमाम प्रतिबंधों के बीच होती थी कांवड़ यात्रा
- अब योगी व उनके नौकरशाह हेलीकाप्टर से करते हैं पुष्प वर्षा
- हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी।
कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली सभी दुकानों के बाहर दुकानदार को अपना नाम व पहचान स्पष्ट करने होगी मुजफ्फरनगर पुलिस की इस फरमान पर अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपनी सहमति की मोहर लगा दी है। सीएम योगी ने आदेश जारी किया है कि यूपी में कांवड़ रास्तों पर पड़ने वाली दुकानों में दुकानदार को अपना नाम लिखना होगा। इसमें दुकान मालिक का नाम और डिटेल लिखी जाएगी। शुक्रवार को यह आदेश जारी कर दिया गया। सरकार का कहना है कि कांवड़ यात्रियों की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया है। इसके अलावा, हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी।
कांवड़ यात्रा के दौरान छोटी सी बात का बतंगड़ बनते देर नहीं लगती। इसके चलते कोई भ्रम की स्थिति न बने और फिर विवाद, इससे बचने के लिये मुजफ्फरनगर पुलिस ने जो आदेश जारी किया है उसने न सिर्फ प्रदेश की राजनीति बल्कि बाहरी राज्यों के राजनीतिज्ञों को भी कलम चलाने का मौका दे दे दिया है। सियासत के इस दौर में भाजपा सरकार को गैर भाजपाई दलों के अलावा अपने ही नेताओं के निशाने पर ला खड़ा किया है। गीतकार जावेद अख्तर, व हिंदू मुस्लिम के हर मसले में अपने अलहदा विचार रखने वाले असदुद्दीन ओवैसी के साथ ही अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी लंबा चौड़ा मैसेज दे दिया है। कुछ इस तरह की वह इस आदेश से इत्तेफाक नहीं रखते हैं।
यूपी व उत्तराखण्ड सरकार द्वारा कावंड़ मार्ग के व्यापारियों को अपनी-अपनी दुकानों पर मालिक व स्टाफ का पूरा नाम प्रमुखता से लिखने व मांस बिक्री पर भी रोक का यह चुनावी लाभ हेतु आदेश पूर्णतः असंवैधानिक। धर्म विशेष के लोगों का इस प्रकार से आर्थिक बायकाट करने का प्रयास अति-निन्दनीय।
— Mayawati (@Mayawati) July 19, 2024
दरअसल, उत्तर प्रदेश में 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है। हरिद्वार से शुरू होने वाली यह कांवड़ यात्रा रूड़की, मुजफ्फरनगर, मेरठ से होते हुए न सिर्फ यूपी के कई जिलों बल्कि पड़ोसी दिल्ली, हरियाणा आदि राज्यों तक जाती है। इन इलाकों के कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल लाकर अपने शिवालयों पर इसे अर्पित करते हैं। विशेष बात यह भी है कि कांवड़ यात्रा को लेकर भाजपा सरकार से पहले यूपी पुलिस का जो रूख रहता आया है वह योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद पूर्णत बदल गया है। पूर्व में जहां तमाम प्रतिबंधों का पुलिसिया डंडा कावंड़ियों पर चलता था वहीं अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा प्रदेश के डीजीपी व मुख्य सचिव को भी हेलीकाप्टर से इन कावंडियों पर पुष्प वर्षा करते हैं।
ऐसे में मुजफ्फरनगर पुलिस ने 15 जुलाई को एक पत्र जारी कर कांवड़ रास्ते की दुकानों व फड़ लगाने वालों को अपना नाम आदि लिख कर टांगने के आदेश दिये हैं। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है ऐसा इसलिये किया जा रहा है ताकि कांवड़ियों में
किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति न हो कि वह किस दुकान से क्या ले रहे हैं। कई बार रेट लिस्ट, वेज अथवा नॅान वेज को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न होती रही है। इस आदेश के बाद राजनीति शुरू हो गई है। यहां यह उल्लेख करना भी जरूरी हो जाता है कि कावड़ यात्रा के दौरान पड़ने वाले मार्ग में कई ऐसे होटल या रेस्ट्रा हैं जो मुस्लिम संचालन कर रहे हैं लेकिन बोर्ड पर नाम हिंदू धर्म पर आधारित है। मुजफ्फरनगर पुलिस का मानना है कि इसी भ्रम और भ्रम के बाद उत्पन्न विवाद को कंट्रोल करने के लिये ही यह आदेश जारी किया गया है।
इस बीच, कावंड़ मार्ग पर कांवडियों व शहरवासियों के बीच बैरीकेड लगाने का कार्य तेजी से शुरू हो गया है। मेरठ में कावंड़ मार्ग पर पड़ने वाले सभी कट को बांस आदि लगाकर बंद करने का कार्य तेज कर दिया गया है। कावंड़ियों की संख्या बढ़ने पर सड़क के एक तरफ कावंड़ियें चलेंगे जबकि दूसरी ओर बाकी यातायात।
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