बाबा रामदेव व आचार्य के दूसरे माफीनामे को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया
- आप हलफनामे में धोखाधड़ी कर रहे हैं – सुप्रीम कोर्ट
- सुप्रीम कोर्ट ने आयुष मंत्रालय को कड़ी फटकार लगाई
- बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई
- हम केंद्र सरकार के जवाब से भी संतुष्ट नहीं- SC.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आप केस हल्के में ले रहे हैं
- लापरवाह अफसरों को सस्पेंड कर दिया जाए- सुप्रीम कोर्ट
भ्रामक विज्ञापनों के जरिये देश व कोर्ट को गुमराह करने के मामले में पंतजलि के बाबा रामदेव व एमडी आचार्य बालकृष्ण की परेशानी बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दोनों द्वारा दिये गये दूसरे माफीनामे को भी कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अब वह अवमानना की कार्रवाई के लिये तैयार रहें। दरअसल, कोर्ट ने पंतजलि के विज्ञापनों को भ्रामक बताते हुए इस पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दिये थे। बावजूद इसके बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ताक पर रखते हुए अपना कृत्य जारी रखा।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच ने पतंजलि के वकील विपिन सांघी और मुकुल रोहतगी से कहा कि आपने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है, कार्रवाई के लिए तैयार रहें। इससे पूर्व दो अप्रैल को इसी बेंच में हुई सुनवाई के दौरान पंतजलि की तरफ से माफीनामा दिया गया था। तब बेंच ने पतंजलि को फटकार लगाते हुए कहा था कि ये माफीनामा सिर्फ खानापूर्ति के लिए है। आपके अंदर माफी का भाव नहीं दिख रहा। कोर्ट ने दस अप्रैल को सुनवाई की तारीख तय की थी।
आज बुधवार को सुनवाई से एक दिन पहले यानी 9 अप्रैल को बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने नया एफिडेविट फाइल किया। जिसमें पतंजलि ने बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि इस गलती पर उन्हें खेद है और ऐसा दोबारा नहीं होगा। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस दूसरे नाफीनामे को भी खारिज कर दिया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से 17 अगस्त 2022 को दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया। वहीं खुद की आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया।
कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा इस मामले में बरती गई चुप्पी पर भी कड़ी नाराजगी जताई है। केंद्र से पूछा गया है कि आखिर उन्होंने देश को गुमराह करने वाले इन विज्ञापनों पर रोक क्यों नहीं लगाई।
follow us on 👇
फेसबुक –https://www.facebook.com/groups/480505783445020
ट्विटर –https://twitter.com/firstbytetv_
चैनल सब्सक्राइब करें – https://youtube.com/@firstbytetv
वेबसाइट –https://firstbytetv.com/
इंस्टाग्राम –https://www.instagram.com/firstbytetv/