नियुक्ति पत्र पाने के लिये शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने भाजपा मुख्यालय घेरा, हंगामा
नियुक्ति की मांग करते हुए आज शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने भाजपा के लखनऊ जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस की उनसे खूब धक्कामुक्की हुई। अभ्यर्थी डिप्टी चीफ मिनिस्टर केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। अभ्यर्थियों का कहना है कि भले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाये लेकिन हमारे नियुक्ति पत्र हमें दे दिये जायें। पुलिस ने बड़ी संख्या में प्रदर्शकारियों को हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेज दिया है। पुलिस परीक्षा पेपर लीक मामले को लेकर भी लखनऊ में बड़ी संख्या में छात्र एकत्रित होकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
इलाहाबाद लोकसेवा आयोग पर प्रतियोगी छात्रो का जो आंदोलन चल रहा है हम उनके साथ हैं।
दरअसल भाजपा किसी भी परीक्षा का पूरा नहीं करना चाहती है क्योंकि उसके बाद नौकरी देनी होगी और नौकरी में आरक्षण देना होगा। भाजपा न नौकरी देना चाहती है, न आरक्षण।
यूथ कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!… pic.twitter.com/tcVvP9VvTl
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 23, 2024
दरअसल, 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बने शिक्षा मित्रों के समायोजन को रद्द कर दिया था। इससे वह दोबारा शिक्षा मित्र बन गए। सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को आदेश दिया कि जल्द से जल्द सहायक अध्यापकों के पद भरे जाएं। इस पर सरकार ने यह कहते हुए असमर्थता जता दी कि वह एक बार में इतने बड़े पैमाने पर भर्ती नहीं कर पायेंगे। अलबत्ता दो बार में इसे किया जा सकता है। इस तरह सरकार ने पहले 2018 में 68500 पदों के लिए भर्ती निकाली। इसमें भी 22 हजार पद नहीं भरे गए। हालांकि इस भर्ती पर आरक्षण से जुड़ा कोई सवाल नहीं खड़ा हुआ था।
गिरफ्तारी कर लों लेकिन हमारे नियुक्ति पत्र हमें दे दो, कि मांग करते हुए शिक्षा भर्ती अभ्यर्थियों ने आज लखनऊ में प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस से उनकी जमकर धुक्का मुक्की भी हुई। कई को हिरासत में लिया गया है। pic.twitter.com/RtBjb0Sl5P
— FIRSTBYTE.Tv (@firstbytetv_) February 23, 2024
इसी क्रम में 6 जनवरी 2019 को योगी सरकार ने 69 हजार पदों को भरने के लिए भर्ती निकाली। इस भर्ती में जनरल का कटऑफ 67.11% था। ओबीसी वर्ग का कटऑफ 66.73% था। ओबीसी वर्ग के जो अभ्यर्थी जनरल के कटऑफ के ऊपर थे उन्हें भी ओबीसी आरक्षण कोटे का हिस्सा मान लिया गया। दरअसल, बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 कहती है, अगर ओबीसी वर्ग का अभ्यर्थी जनरल कटऑफ से अधिक नंबर पाता है तो उसे जनरल कोटे में नौकरी मिलेगी न कि ओबीसी कोटे से।
अभ्यर्थियों का दावा है कि इस भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण के बजाय महज 3.86% ही आरक्षण मिला। जिन 31 हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिली है उसमें करीब 29 हजार लोग ऐसे थे जो जनरल कोटे की सीट पाने के हकदार थे। अभ्यर्थियों का दावा यह भी है कि एससी वर्ग में भी 21% के बजाय 16.6% ही आरक्षण मिला है। इस पूरी भर्ती में 19 हजार सीटों का हेरफेर हुआ है। पिछड़ा आयोग ने भी भर्ती में घोटाले की बात मानी है।
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