तीन माह हो गये मणिपुर को हिंसा की आग में जलते हुए
अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके
सैंकड़ों घरों को किया जा चुका है आग के हवाले
शव दफनाने के विरोध में आज फिर भड़की हिंसा
अमित शाह जवाब देने के लिये तैयार, विपक्ष पीएम की मांग पर अड़ा
मणिपुर हिंसा की आग में जलते हुए आज तीन माह हो गये हैं। अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं बावजूद इसके अभी यह आग थमने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार को आज फिर से मैतेई समुदाय ही महिलाओं व सुरक्षाबलों में आमने सामने टकराव हुआ। भीड़ को तितर बितर करने के लिये असम राइफल्स को जवाबी हवाई फायरिंग करनी पड़ी। साथ ही आंसू गैस के गोले भी दागे गये जबकि जवाब में मैतेई समुदाय की महिलाओं ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया। इस बीच लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि मणिपुर के मुद्दे पर जितनी चर्चा करनी हो मैं तैयार हूं। मणिपुर के मुद्दे पर मैं जवाब दूंगा। वहीं विपक्ष पीएम मोदी से इस मुद्दे पर सामने आने की मांग पर अड़ा हुआ है।
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच चली आ रहे विवाद को आज तीन अगस्त को पूरे तीन माह हो गये हैं। दरअसल, कुकी समुदाय ने गुरुवार सुबह 11 बजे हिंसा में मारे गए लोगों के शवों को चुराचांदपुर के टोइबुंग शांति मैदान में दफनाने की बात कही थी। मैतेई समुदाय इसका विरोध कर रहा है। इसका विरोध करते हुए मैतेई समुदाय की महिलाओं ने गुरुवार सुबह बिष्णुपुर के थोरबुंग गांव की ओर कूच कर दिया। बता दें कि थोरबुंग में कुकी और मैतेई इलाके के बीच का बफर जोन है।
मैतेई समुदाय की महिलाओं ने बफर जोन पार करते हुए कुकी इलाके में घुसने की कोशिश की। माहौल खराब न हो इसके लिये सुरक्षा बल ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस वह वहां विवाद बढ़ गया और देखते ही देखते पथराव व फायरिंग शुरू हो गयी। इन हालात में मीडिया के लोगों को भी इधर उधर छिपते हुए अपनी जान बचानी पड़ी। वहीं असम राइफल्स ने जवाबी कार्रवाई में हवाई फायरिंग की और आंसू गैस के गोले दागे।
बात यहां तक आ गई कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा। उनके आग्राह के बाद कुकी समुदाय के लोगों के शवों के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम पांच दिन के लिए टाल दिया गया। हालांकि इसके लिये आईटीएलएफ ने ये शर्ते रखी हैं। पहली- बरियल साइट एस बोलजांग को कानूनी मान्यता दी जाए। दूसरी पहाड़ों पर तैनात स्टेट फोर्सेज को हटाया जाए। तीसरी- इंफाल में रखे कुकी समुदाय के शवों को चुराचांदपुर लाया जाए। चौथी- मणिपुर से टोटल सेपरेशन- हमारी इस राजनीतिक मांग को तेजी से पूरा किया जाए। पांचवी- इंफाल की जेलों में बंद कुकी कैदियों को सुरक्षा के लिहाज से दूसरे राज्यों की जेलों में शिफ्ट किया जाए।
उधर, गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष बराबर इस मुद्दे पर चर्चा व पीएम मोदी से बयान देने की मांग पर अड़ा हुआ है। इस बीच, लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर जितनी चर्चा करनी हो वह तैयार हैं। मणिपुर के मुद्दे पर वह जवाब देंगे। हालांकि विपक्ष पीएम से कम पर राजी होने को तैयार नहीं है।
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