- देश के नये संसद भवन पर खर्चा हुआ कुल 862 करोड़ रुपया
- चार मंजिला इस भवन में बैठ सकेंगे 1280 सांसद एक साथ
- 28 मई को पीएम मोदी करेंगे इसका उद्घाटन
- विनायक दामोदार सावरकर का जन्म दिन भी है 28 मई को
- कांग्रेस ने इसे बताया ‘पर्सनल वैनिटी प्रोजेक्ट’
- विपक्ष पहले दिन से ही इसे अनावश्यक खर्चा बता आ रहा
देश का नया संसद भवन बनकर तैयार हो गया है। चार मंजिला है नये संसद का पूरा कैम्पस 64,500 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। इसके निर्माण पर 862 करोड़ रुपये की लागत आयी है। रिकार्ड समय में बनकर तैयार हुए इस नये भवन का 28 मई को पीएम मोदी उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी की आन बान शान के प्रतीक के रूप में विख्यात ….इस नये संसद के निर्माण पर विपक्ष पहले ही दिन से हमलावर है। अब कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीएम मोदी के फोटो के साथ ट्वीट करते हुए तंज किया है कि ‘संसद भवन के एकमात्र आर्किटेक्ट, डिजाइनर और वर्कर 28 मई को इसका उद्घाटन करेंगे.’। कांग्रेस ने इसे ‘पर्सनल वैनिटी प्रोजेक्ट’ बताया है।
The sole architect, designer and worker for the new Parliament building, which he will inaugurate on May 28th. The picture tells it all—personal vanity project. pic.twitter.com/6eRtP9Vbhq
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 18, 2023
नये संसद भवन की 10 दिसम्बर 2020 को पीएम मोदी ने आधारशिला रखी थी। आइये आपको बताते हैं कि क्या खास होगा इस नये संसद भवन में। दरअसल, तिकोने आकार में बना यह संसद भवन चार मंजिला है। पूरा कैम्पस 64,500 वर्ग किलोमीटर तक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। इस भवन में एक संविधान हॉल भी होगा, जिसमें भारतीय लोकतंत्र की विरासत को प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही संसद सदस्यों के लिए लाउंज, कई कमेटी रूम, डायनिंग एरिया और पार्किंग स्पेस होगा। संसद भवन के तीन मेन गेट हैं और इन्हें नाम दिया गया है ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्मा द्वार। वीआईपी, सांसदों और विजिटर्स की एंट्री अलग-अलग गेट से होगी।
(विस्तार से देखिये 👇)
विशेष बात यह भी है कि इसमें लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 300 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है। अगर दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होती है तो एक समय में इसमें 1,280 सांसद बैठ सकेंगे। मौजूदा संसद भवन में लोकसभा में 550 और राज्यसभा में 240 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। यह पुराना भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था। नए संसद भवन का कंस्ट्रक्शन टाटा प्रोजेक्ट ने किया है।
हां, इसका डिजाइन किया है आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने। बिमल पटेल गुजरात के अहमदाबाद शहर से हैं। वह अहमदाबाद स्थित CEPT यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट भी हैं। 2019 में पदमश्री से सम्मानित बिमल पटेल आर्किटेक्चर, प्लानिंग और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट फर्म HCP डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को भी लीड करते हैं।
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