इस तरह पकड़े गये सुरंग बनाकर ज्वैलरी शोरूम में चोरी करने वाले
- नाले के रास्ते सुरंग बनाकर करते थे वारदात
- शहर में एक के बाद एक चार वारदात
- मौके पर मैसेज लिखकर जाते थे बदमाश
- आक्रोशित व्यापारियों ने लगाये थे पुलिस गो बैक के नारे
- नोएडा के सर्राफ खरीदता था चोरी का माल
नाले के रास्ते सुरंग बनाकर ज्वैलरी शोरूम को निशाने वाले बदमाशों को ढूंढना पुलिस के लिये बिल्कुल ऐसा ही था जैसे भूसे के ढेर में पड़ी सुई तलाशना। फिर व्यापारियों का दबाव भी इसके खुलासे व माल की बरामदगी के लिये लगातार बढ़ता जा रहा था। पुलिस को न्यू अंबिका ज्वैलरी शोरूम के बाहर गो बैक के नारे भी सुनने को मिले। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सामने भी यह मामला उठा तो पुलिस प्रशासन को दिन रात एक करने के लिये बाध्य होना पड़ गया। तमाम सीसीटीवी खंगाले गये..और अंत में वह ई रिक्शा चालक पकड़ में आ गया जिसका इस्तेमाल कर तीन बदमाश घटना स्थल पर पहुंचे थे। ये बदमाश ऐसे ही किसी भी ई रिक्शा को पकड़कर अपनी मनमाफिक जगह पहुंचते थे।
गिरफ्तार किये गये बदमाशों में यामीन, सामिल निवासी बेरी थाना कोकड़ बुलंदशहर और अमित उर्फ डैनी निवासी फतेहपुर बुलंदशहर शामिल हैं। यामीन गिरोह का सरगना है और इस पर दस मुकदमे दर्ज हैं। इनके पास से पुलिस ने कुदाल, कल्टीवेटर और हाइड्रोलिक जैक्स समेत गैस कटर बरामद किये हैं। तीनों मूल रूप से बुलंदशहर निवासी हैं। लिसाड़ी गेट में किराये के मकान में रहते थे। पुलिस ने बदमाशों की निशानदेही पर नोएडा के सर्राफा व्यापारी ललित गोयल पुत्र ओमप्रकाश गोयल निवासी ग्राम दयानतपुर थाना जेवर जिला गौतमबुद्धनगर के भाई को भी हिरासत में लिया है। ललित गोयल फिलहाल फरार बताया गया है। इन्होंने ललित को सोना बेचा था। आरोपित कम पढ़े लिखे हैं, लेकिन इनमें अमित उर्फ डैनी थोड़ा पढ़ा लिखा है। गैंग का नाम और व्यापारियों में खौफ पैदा करने के लिए अमित उर्फ डैनी व्यापारियों के लिए मैसेज लिखकर जाता था। पुलिस ने अमित की हैंडराइटिंग का भी मिलान किया है।
बता दें कि नौचंदी थाना क्षेत्र के गढ़ रोड़ स्थित गांधी कॉलोनी निवासी पीयूष गर्ग का नंदन सिनेमा के सामने न्यू अंबिका ज्वेलरी शोरूम है। बीती सोमवार रात चोरों ने सुरंग बनाकर 12 लाख की चोरी को अंजाम दिया था। इस तरह की यह चौथी वारदात होने पर व्यापारियों ने हंगामा करते हुए पुलिस ‘गो बैक’ के नारे लगाए थे।
(विस्तार से देखिये 👇)
दरअसल, ये बदमाश कहीं भी अपने वाहन का इस्तेमाल नहीं करते थे। रास्ते से ही ई रिक्श पकड़कर अपने गंतव्य तक पहुंच जाते थे। चोरी के बाद वहां मैसेज भी छोड़ते थे। इनके पकड़े जाने की शुरूआत कुछ इस तरह से हुई कि न्यू अंबिका ज्वैलरी शोरूम में चोरी करने के बाद ये तीनों जिस ई रिक्शा से निकले थे उसका नंबर सीसीटीवी में कैद हो गया। चालक ने बताया कि उसने तीनों को लिसाड़ी गेट की घनी आबादी के बीच छोड़ा था। यहां सबसे बड़ी दिक्कत सीसीटीवी न होना रहा। दो दिन यहां लगाने पर अंतत पुलिस तीनों बदमाशों तक पहुंच गई।
इस घटना का खुलासा गुरुवार को ही हो गया था लेकिन तब तक चोरी गया माल बरामद नहीं हो पाया था। घटना सही खुली है और सही बदमाश ही गिरफ्तार हुए हैं इसका एकमात्र पैमाना बरामदगी मानी जाती रही है। और यही कारण रहा कि परतापुर थाना पुलिस ने दबाव के कारण जिस बाप बेटे को जेल भेजा, उनसे माल की बरामदगी नहीं हुई थी। बेटे ब्रजमोहन को पुलिस ने तभी जेल भेज दिया था जबकि बाप को जब न्यू अंबिका ज्वैलरी शोरूम की वारदात के खुलासे का जिला पुलिस पर दबाव बना तो बाप सुरेंद्र को भी जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया। व्यापारियों का मानना है कि चूंकि परतापुर पुलिस ने सही बदमाश नहीं पकड़े थे लिहाजा बाप बेटे की गिरफ्तारी के बाद भी सुरंग बनाकर वारदात करने का सिलसिला रूका नहीं।
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