चुनौती बने बसपा नेता दारा सिंह प्रजापति की ऐसे की गई अवैध कालोनी ध्वस्त
- दो बार भारी फजीहत के बाद लौटी थी बुलडोजर टीम
- टीम में एमडीए, पुलिस व प्रशासन के थे अफसर शामिल
- दारा सिंह ने प्रजापति समाज ढाल बनाकर इस्तेमाल किया
- तिरंगा व भाजपा का झंडा लिये थे विरोध करने वाले
- भाजपा राज्यमंत्री लोकेश प्रजापति ने निभाई मध्यस्थता
- बुलडोजर टीम जाने के बाद मौके पर पहुंचा दारा सिंह
- बोला-मुझे कोई आपत्ति नहीं, अब समाज देखेगा
दो बार की कड़ी फजीहत और किरकिरी के बाद आज मेरठ विकास प्राधिकरण, पुलिस और प्रशासन की टीम ने परीक्षितगढ़ रोड स्थित बसपा नेता दारा सिंह प्रजापति की उस अवैध कालोनी को जमीदोज कर दिया जिस पर कल दारा सिंह ने अपने बचाव में प्रजापति समाज की फौज को आगे कर दिया था। ये फौज हाथ में तिरंगा व भाजपा के झंडे लहरा प्रशासन को खुली चुनौती दे रही थी। दिलचस्प बात यह भी रही कि दो बार से अपने तीखे तेवरों से एमडीए, पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को जो दारा सिंह धमका रहा था, आज जब उसकी कच्ची कालोनी जमींदोज की गई तो वह मौके से गायब था। प्रजापति समाज की फौज कल ही प्राधिकरण टीम की बैरंग वापसी के बाद अपने घरों को जा चुकी थी। तीखे तेवर खत्म हो गये..कैसे ?..सब ध्वस्त हो गया..कैसे ?…. यह सवाल सभी के जेहन में घूम रहा है।
दरअसल, जिस तरह दो बार मेरठ विकास प्राधिकरण, पुलिस व प्रशासनिक टीम को बैरंग लौटना पड़ा उसे सिस्टम की भारी किरकिरी हुई। तिरंगा व भाजपा झंडा लेकर प्रजापति समाज को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा बसपा नेता दारा सिंह प्रजापति पूरे योगी सिस्टम के लिये चुनौती बन गया था। बुधवार को एक बार फिर जब एसडीएम ओजस्वी राज के निर्देशन में एमडीए व पुलिस की टीम वहां पहुंची तो इस टीम से संख्याबल में वहां मौजूद दारा सिंह के समर्थक अधिक थे। दारा सिंह प्रजापति समाज को यह समझाने में कामयाब हो चुका था कि जंतर मंतर पर समाज की मांग को लेकर किये गये प्रदर्शन के बाद से ही उस पर यह जुल्म ढाहे जा रहे हैं। हालांकि जंतर मंतर पर प्रदर्शन से ठीक एक दिन पहले ही दारा सिंह ने प्राधिकरण टीम को डराते व धमकाते हुए भगा दिया था। यह टीम उसके द्वारा बनायी जा रही अवैध कालोनी को ध्वस्त करने गयी थी।
शाम को दारा सिंह व भाजपा नेता सतीश मावी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई और अगले ही दिन दारा सिंह ने समाज के लोगों को लेकर जुलूस निकाला और दिल्ली जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया। यह जुलूस मेरठ कमिश्नरी व कलेक्ट्रेट के सामने से होता हुआ गुजरा लेकिन नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद पुलिस खामोश रही थी। ऐसे में दारा सिंह के हौंसले बढ़ना स्वाभाविक था।
बुधवार को एसडीएम ओजस्व राज, प्राधिकरण अभियंंताओं व दारा सिंह प्रजापति को लेकर भाजपा के राज्यमंत्री लोकेश प्रजापति ने बंद कमरे में बातचीत की। सूत्रों का कहना है कि बैठक में दारा सिंह के तेवर बरकरार थे, लेकिन अंत में लोकेश प्रजापति ने सरकार व समाज के एक बड़े मंत्री से वीडियो क्रांफेंसिंग के जरिये वार्ता करायी। यहां समझा दिया गया कि सिस्टम के खिलाफ चलोगे तो ठीक न होगा। सूत्रों ने दावा किया कि इस पर दारा सिंह ने झुकते हुए कहा कि आज मौके पर समाज के लोग एकत्रित हैं, उनकी मौजूदगी में यदि कालोनी ध्वस्त की गई तो उसकी समाज में किरकिरी हो जायेगी। लिहाजा कल सुबह चुपचाप आकर इसे ध्वस्त कर दिया जाये। सूत्रों ने भी दावा भी किया वहां गौशाला बनाने की अनुमति उसे दे दी जायेगी, जिसकी आड़ में वह प्लाटिंग कर लेंगा। वह कई प्लाट बेच भी चुका है।
इस गुप्त समझौते के बाद टीम वहां से लौट आई। गुरुवार को एसडीएम ओजस्व राज व प्राधिकरण के अभियंता कई बुलडोजर लेकर वहां पहुंचे और सब कुछ जमींदोज कर दिया। करीब दो घंटे टीम वहां रही लेकिन दारा सिंह का कोई अता पता नहीं था। अलबत्ता जब काम करके टीम वापस लौट गयी तो दारा सिंह ने वहां पहुंचते हुए एमडीए की कार्यवाही पर यह कहते हुए आश्चर्य जताया कि अरे..ये कैसे हो गया। प्राधिकरण वालों ने बेईमानी कर ली …चलो ठीक है, मुझे कोई आप्पति नहीं है।
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