बुलडोजर चलता गया, मां बेटी जिंदा झोपड़ी में जल गईं
- कानपुर देहात में जिंदा जली मां बेटी
- डीएम नेहा जैन ने दिये थे अवैध कब्जा हटाने के निर्देश
- डीएम के निर्देश पर अफसर बुलडोजर लेकर पहुंचे थे
- कृष्ण गोपाल दीक्षित का परिवार मोहलत को गिड़गिड़ाता रहा
- मां बेटी ने तैश में आकर खुद को आग लगाई
- खुद के साथ ही झोपड़ी भी जलकर हुई राख
- एडीएम व एसओ समेत कई के खिलाफ केस दर्ज
- गांव के फौजी पर एसओ व लेखपाल से मिलीभगत का आरोप
यूपी के कानपुर देहात में पुलिस व प्रशासन की मौजूदगी में एक मां बेटी जिंदा ही जलकर राख हो गईं। कृष्ण गोपाल दीक्षित व उनका पूरा परिवार गिड़गिड़ाता रहा कि साहब कुछ टाइम तो उन्हें कहीं और जाने का दे दो लेकिन असंवेदनशील अफसरों व पुलिस का दिल नहीं पसीजा। कोई बस न चलता देख आपा खोई महिला व उसकी बेटी झोपड़ी के भीतर गई और खुद को आग लगा ली। वहां एकाएक आग लगने से अफरातफरी तो जरूर फैली लेकिन मन मस्तिष्क पर सवार क्रूरता ने बुलडोजर आग लगी झोपड़ी पर भी चलाने की कोशिश की। ब्राह्मण मां बेटी की इस तरह हुई मौत की गूंज लखनऊ तक पहुंच गयी है। एडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, एसओ रूरा दिनेश गौतम आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। जिलाधिकारी नेहा जैन, जिनके आदेश के बाद यह बुलडोजर झोपड़ी हटाने गया था, अभी कार्रवाई की जद से बाहर हैं। हालांकि एक दिन पहले ही सिंगर कैलाश खेर के गाने पर अपनी लचक का प्रदर्शन करने वाली डीएम का यह वीडियो भी इस मौके पर खूब वायरल हो रहा है।

मामला कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव का है। यहां कृष्ण गोपाल दीक्षित अपने परिवार के साथ झोपड़ी में रहता है। मारे गये लोगों में प्रमिला (54) और बेटी शिवा (22) शामिल हैं। दरअसल, सोमवार को जनसुनवाई के दौरान डीएम नेहा जैन ने कृष्ण गोपाल दीक्षित के अवैध कब्जे को हटाने के निर्देश दिये थे। यह बात और है कि इस घटना के बाद डीएम नेहा जैन खुद वहां पहुंचने का साहस जुटा नहीं पाई। पहले थाने में बैठकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। फिर एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति के दलबल के साथ मौके पर पहुंचने पर डीएम गांव तो पहुंची लेकिन घटनास्थल पर नहीं गईं। बाद में मंडलायुक्त व आईजी के मौके पर पहुंचने पर डीएम वहां पहुंच पाईं।
इस बीच, एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद व लेखपाल अशोक सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। चालक व लेखपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसी क्रम में SDM मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, SO रूरा दिनेश गौतम पर IPC की धारा 302, 307 व अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है।आरोपी अशोक, अनिल और निर्मल दीक्षित सहित कानूनगो और 4 लेखपाल व जेसीबी चालक पर भी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
इससे पूर्व मां-बेटी की मौत से आक्रोशित लोगों ने लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया था। भीड़ का गुस्सा देख टीम के लोग अपने वाहनों मौके पर छोड़कर भाग गए। इसके बाद आक्रोशितों ने एसडीएम, रुरा इंस्पेक्टर, लेखपाल व तहसीलदार व गांव के 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग करते हुए शवों को नहीं उठने दिया। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद ग्रामीण शवों को उठाने के लिये तैयार हो गये हैं। फारेंसिक टीम ने शवों को अपने कब्जे मे ले लिया है।
(विस्तार से देखिये👇)
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