‘कारपोरेट दुनिया की सबसे बड़ी धोखाधड़ी’ के आरोप से अड़ाणी ग्रुप को लगा 6 अरब डॅालर का झटका
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‘कारपोरेट दुनिया की सबसे बड़ी धोखाधड़ी’ के आरोप से अड़ाणी ग्रुप को लगा 6 अरब डॅालर का झटका

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  • हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप
  • हिंडनबर्ग का अदानी पर ‘कारपोरेट दुनिया की सबसे बड़ी धोखाधड़ी’ का आरोप
  • अदानी की कंपनियों पर पर्याप्त क़र्ज़ा है
  • यह कर्ज ग्रुप को ‘वित्तीय तौर पर बहुत जोख़िम वाली स्थिति’ में डालने वाला
  • अडानी ने रिपोर्ट को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
  • कहा कोर्ट की शरण में जायेंगे
  • हिंडनबर्ग ने कहा कोर्ट जाने का स्वागत, रिपोर्ट पर कायम

सोलह बड़ी कंपनियों के वित्तीय कथित घोटालों का खुलासा कर रही हिंडनबर्ग कंपनी ने एशिया के सबसे अमीर आदमी गौतम अडानी की कंपनी को हिला कर रख दिया है। कंपनी के दावोंं व आरोपों के बाद अदानी ग्रुप को शेयरों की कीमत नीचे आने से करीब 11 अऱब डॅालर का नुकसान उठाना पड़ा है। अड़ानी ने जहां अमेरिकी निवेश फ़र्म की रिपोर्ट को ‘दुर्भावनापूर्ण’ और ‘चुनिंदा ग़लत जानकारी’ पेश करने का आरोप लगाया है वहीं हिंडनबर्ग ने कहा कि वह अपनी रिसर्च पर कायम है और सभी सवालों का जवाब देने के लिये तैयार है। कंपनी ने यह भी है कि आडाणी से 88 सवाल पूछे गये हैं लेकिन अभी तक एक का भी जवाब नहीं दिया गया है। कुल मिला कर दोनों पक्ष अपनी बात पर डटे हुए हैं।

बता दें कि Hindenburg Report सामने आने के बाद अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में 24 जनवरी 2023 के बाद ऐसी जोरदार गिरावट आई कि एक झटके में अडानी की संपत्ति से करीब 6 अरब डॉलर (4,89,20,64,00,000 रुपये) साफ हो गये। हिंडनबर्ग कंपनी अपनी साल 2017 में हुई शुरुआत के बाद अब तक करीब 16 कंपनियों में कथित गड़बड़ी से संबंधित बड़े खुलासे कर चुकी है। जहां तक बात अडाणी ग्रुप की है तो उनका कारोबार कमोडिटी ट्रेडिंग, एयरपोर्ट, यूटिलिटी और रिन्यूबल एनर्जी समेत कई क्षेत्रों में फैला हुआ है। फ़ोर्ब्स मैग्ज़ीन के अनुसार इस ग्रुप के मालिक भारतीय अरबपति गौतम अदानी दुनिया के चौथे सबसे धनी व्यक्ति हैं। हिंडनबर्ग ने अदानी पर ‘कारपोरेट दुनिया की सबसे बड़ी धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया है। यह आरोप ऐसे समय सामने आया है जब अदानी ग्रुप के शेयरों की सार्वजनिक बिक्री लॉंच होने वाली है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अदानी की कंपनियों पर पर्याप्त क़र्ज़ है जो पूरे ग्रुप को ‘वित्तीय तौर पर बहुत जोख़िम वाली स्थिति’ में डालता है।

अब बात करते हैं हिंडनबर्ग की। यह कंपनी 2017 में शुरू की गई थी। हिंडनबर्ग ‘शॉर्ट सेलिंग’ की स्पेलिस्ट है यानी वह ऐसी कंपनियों के शेयर में सट्टा लगाती है जिनके भाव गिरने की अपेक्षा हो। रिपोर्ट सार्वजनिक होने व ग्रुप के शेयरों में आई गिरावट के बाद हरकत में आये अदानी ग्रुप के बारे में हिंडनबर्ग ने कहा कि “हमारी रिपोर्ट आने के बाद पिछले 36 घंटों में अदानी ने एक भी गंभीर मुद्दे पर जवाब नहीं दिया है। रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 सटीक सवाल पूछे थे जो कि हमारे मुताबिक कंपनी को अपने आप को निर्दोष साबित करने का मौका देते हैं.” लेकिन अभी तक अदानी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। अलबत्ता अदानी ने धमकी का रास्ता चुना है। मीडिया को दिये एक बयान में अदानी ने हिंडनबर्ग की  106 पन्नों की, 32 हज़ार शब्दों की और 720 से ज़्यादा उदाहरण के साथ दो सालों में तैयार की गई रिपोर्ट को “बिना रिसर्च का” बताया है। साथ ही कहा कि वह हमारे ख़िलाफ़, “दंडात्मक कार्रवाई के लिए अमेरिकी और भारतीय कानूनों के तहत प्रासंगिक प्रावधानों का मूल्यांकन कर रहे हैं.”

हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि “जहां तक कंपनी द्वारा क़ानूनी कार्रवाई की धमकी की बात है, तो हम साफ़ करते हैं, हम उसका स्वागत करेंगे। हम अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह से कायम हैं, और हमारे ख़िलाफ़ उठाए गए क़ानूनी कदम आधारहीन होंगे। अगर अदानी गंभीर हैं, तो उन्हें अमेरिका में केस दायर करना चाहिए। दस्तावेज़ों की एक लंबी लिस्ट है जिसकी क़ानूनी प्रक्रिया के दौरान हम डिमांड करेंगे.” रिपोर्ट ने मॉरिसस और कैरिबियन जैसे विदेशी टैक्स हैवेन में मौजूद कंपनियों पर अदानी ग्रुप की मिल्कियत पर सवाल खड़ा किया है।

अदानी की लीगल टीम के ग्रुप हेड जतिन जालुंधवाला ने कहा, “रिपोर्ट ने भारतीय शेयर बाज़ार में जो उतार चढ़ाव पैदा किया है, वो बहुत चिंताजनक है और भारतीय नागरिकों के लिए अनचाही पीड़ा का सबब बना है.”  “साफ़ है कि ये रिपोर्ट और इसके अप्रमाणित तथ्य इस तरह पेश किए गए कि इसका अदानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की क़ीमत पर बुरा असर पड़े क्योंकि हिंडनबर्ग रिसर्च ने खुद ये माना है कि अदानी के शेयरों के गिरने से उसको फ़ायदा पहुंचेगा.” दरअसल, ग्रुप की फ़्लैगशिप फ़र्म, अदानी एंटरप्राइज़ेज के शेयरों की बिक्री शुक्रवार से शुरू होनी है।

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