पति को मरवा कर प्रेमी के घर में छह फीट नीचे दफना दिया, चार साल बाद खुलासा
गाजियाबाद में एक महिला ने अपने प्रेमी की मदद से पति की हत्या कर दी। पति को पहले सिर में गोली मारी गई और फिर एक हाथ कुल्हाड़ी से काट दिया गया। शव को प्रेमी अपने घर ले गया और छह फीट गहरा गड्ढा खोदकर वहां दफना दिया। किसी को पता न चले इसके लिये उपर से प्लासटर भी कर दिया गया। चार साल बाद हत्याकांड का खुलासा हुआ तो पुलिस ने महिला व उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है।
यह घटनाक्रम नंदग्राम थाना क्षेत्र के गांव सिकरोड की है। यहां रहने वाले भूरे सिंह ने 5 अक्टूबर 2018 को थाना नंदग्राम में अपने भाई चंद्रवीर सिंह उर्फ पप्पू (46 साल) के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। काफी तलाश के बाद भी जब चंद्रवीर का कोई सुराग नहीं लग पाया तो पुलिस ने विवेचना खत्म कर केस बंद करते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी।
गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनीराज ने पिछले दिनों अनसुलझे केसों का निरीक्षण किया तो यह केस सामने आ गया।दोबारा से जांच शुरू की गई तो क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुल रहमान सिद्दीकी को पता चला कि चंद्रवीर सिंह की बीवी के किसी से प्रेम संबंध थे। पुलिस ने चंद्रवीर की बेटी से दो दिन अलग से पूछताछ की। वह ब्यूटी पार्लर में काम करती है। उसने बताया कि उनके सोने के बाद पड़ोस में रहने वाले अंकल घर आते हैं, संभवत उन्होंने ही पापा को गायब कराया है। पुलिस को इतना सुराग लगना काफी था।
क्राइम ब्रांच ने पड़ोसी 35 वर्षीय अरुण उर्फ अनिल को उठा कर कड़ाई से पूछताछ की तो हत्याकांड का खुलासा होता चला गया। बकौल अरुण, उसके चंद्रवीर की पत्नी सविता से साल-2017 से संबंध थे। कई बार चंद्रवीर ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख भी लिया था। इसे लेकर चंद्रवीर आए दिन सविता से मारपीट करता था। चंद्रवीर को रास्ते से हटाने के लिए दोनों ने हत्या की योजना बनाई और हत्या से पहले ही घर में छह फीट गहरा गड्ढा भी खोद लिया।
पुलिस के मुताबिक 28 सितंबर 2018 की रात चंद्रवीर शराब पीकर सो गया। सविता ने फोन कर अरुण को बुला लिया। अरुण ने तमंचे से सिर में गोली मारकर चंद्रवीर को मौत के घाट उतार दिया। चंद्रवीर के हाथ में सिल्वर का कड़ा था। उसे निकालने का प्रयास किया लेकिन सफलता न मिलने पर हाथ काट दिया गया।इसके बाद दोनों चंद्रवीर की लाश को अरुण के घर में ले गए और गड्ढे में दबा दिया। गड्ढे के ऊपर सीमेंटेड प्लास्टर कर दिया। कटा हुआ हाथ अरुण ने सिकरोड़ गांव स्थित केमिकल फैक्ट्री के पास फेंक दिया था।