मुलायम सिंह की मैनपुरी सीट पर डिंपल यादव को ही क्यों उतारा गया,जानिए इसका कारण
उत्तर प्रदेश

मुलायम सिंह की मैनपुरी सीट पर डिंपल यादव को ही क्यों उतारा गया,जानिए इसका कारण

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मैनपुरी सीट को लेकर तेज प्रताप और धर्मेंद्र यादव और फिर दबे स्वर शिवपाल यादव की नाम की चर्चा चल रही थी। लेकिन 24 से 48 घंटों के भीतर ही यह चर्चा दो नामों में सिमट कर रह गई। यह दो नाम थे तेज प्रताप यादव और डिंपल यादव। लेकिन आखिर में डिंपल यादव को मुलायम सिंह यादव की विरासत सौंपने का फैसला कर लिया गया।

सपा ने मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को उतारने का फैसला कर लिया है। कन्नौज से सांसद रही डिंपल यादव के नाम के ऐलान के साथ सभी अटकलों को भी विराम लग चुका है। पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि इस सीट से तेज प्रताप यादव को टिकट दिया जा सकता है। क्योंकि तेज प्रताप यादव पहले भी इस सीट से सांसद रह चुके हैं। प्रताप यादव के साथ ही धर्मेंद्र यादव और शिवपाल यादव के नाम की भी चर्चाएं हो रही थी। लेकिन यह चर्चाएं 24 से 48 घंटे के बीच में ही सिमट गई थी। आखिर में फैसला आया कि डिंपल यादव को मुलायम सिंह की विरासत सौंपी जाएगी। ऐसे में सबके मन में यह सवाल उठना लाजमी है आखिर ऐसा क्या हुआ कि मैनपुरी सीट से डिंपल यादव को ही चुना गया। चलिए जानते हैं इसके पीछे की वजह।

अखिलेश यादव मुलायम सिंह की पूरी राजनीतिक विरासत को अपने पास रखना चाहते हैं उसमें अब मुलायम सिंह की सीट ही क्यों न हो। ऐसे में सीट किसी और को कैसे दी जा सकती थी चाहे अब उसमें चाचा हो चचेरे भाई हो या फिर भतीजा हो। अखिलेश ने डिंपल यादव को मुलायम सिंह की सीट पर उतार कर यह साफ कर दिया है कि मुलायम सिंह की विरासत अखिलेश के पास ही रहेगी।

कन्नौज सीट पर चुनाव में हार के बाद डिंपल यादव संसद में नहीं पहुंच पाई थी और अखिलेश यादव उन्हें संसद में भेजना चाहते थे। अखिलेश यादव बहुत समय से डिंपल यादव के लिए सुरक्षित सीट की तलाश कर रहे थे।

बात करें शिवपाल यादव की अगर यह सीट किसी और को दी जाती तो शिवपाल यादव के लिए चुनाव लड़ना आसान होता लेकिन बात बहू की है और बहू के खिलाफ उनकी किसी भी तरह की दावेदारी उनके ही खिलाफ जाएगी।

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