सोलह साल बाद वाराणसी बम विस्फोट में आंतकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा
वाराणसी में संकट मोचन मंदिर व रेलवे स्टेशन पर सिलसिलेवार हुए बम विस्फोट के मामले में आज सोलह साल बाद आंतकी वलीउल्लाह को दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई है। यह सजा जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने सोमवार को सुनाई है। इस मामले की विवेचना व इस नतीजे तक पहुंचने में सोलह साल का समय लगा। उधर, सुनवाई से पहले आज कोर्ट में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे। सुरक्षा के लिहाज से जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत की तरफ जाने वाली गैलरी पर पुलिसकर्मी तैनात कर आवागमन बंद कर दिया गया था।
जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश चंद शर्मा ने बताया कि सात मार्च 2006 को वाराणसी में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। पहला बम धमाका शाम 6.15 बजे वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र में संकटमोचन मंदिर में हुआ था। इसमें सात लोग मारे गए थे जबकि 26 घायल हुए थे। उसी दिन 15 मिनट के बाद 6.30 बजे दशाश्वमेध घाट थाना क्षेत्र में जम्मू रेलवे फाटक की रेलिंग के पास कुकर बम मिला था। पुलिस की मुस्तैदी के चलते यहां विस्फोट होने से बचा गया था। इन दोनों मामलों में हत्या, हत्या का प्रयास, चोटिल व अंग भंग करने, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व आतंकी गतिविधि के आरोप में अदालत आतंकी वलीउल्लाह को दोषी करार दे चुकी है जबकि जीआरपी वाराणसी थाना क्षेत्र में वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर प्रथम श्रेणी के विश्राम कक्ष के सामने हुए धमाके, जिसमें नौ लोग मारे गए थे और 50 लोग घायल हुए थे। इसमें साक्ष्यों के अभाव में अदालत उसे बरी कर चुकी है।

बता दें कि वाराणसी में अधिवक्ताओं ने वलीउल्लाह की पैरवी करने से मना कर दिया था। हाई कोर्ट के आदेश पर 24 दिसंबर 2006 को यह मामला सुनवाई के लिए गाजियाबाद स्थानांतरित हुआ था। वलीउल्लाह प्रयागराज की फूलपुर स्थित नलकूप कालोनी का रहने वाला है।