- श्रीलंका में आर्थिक हालात बिगड़े, पेट भरने तक को लोग तरसे
- राजपक्षे की नीतियों को इस हालात के लिये जिम्मेदार बता रहे देशवासी
- देश में जगह जगह विरोध प्रदर्शन, गोलीबारी, आगजनी
- सेना ने दिये लूटपाट व नुकसान पहुंचाने वाले को गोली मारने के आदेश
श्रीलंका सरकार की नीतियों को गलत बताते हुए देश की जनता ने सरकार के खिलाफ बगावत कर दी है। कड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के नागरिकों ने पेट भरने के लिये लूट शूरू कर दी है। दुकाने व मॅाल आदि लूटे जा रहे हैं। श्रीलंका सरकार के खिलाफ इस देशव्यापी विरोध प्रदर्शन अपने ऊफान पर है। सुरक्षा बलों व आम लोगों के तीखी झड़प हो रही है। इन सब को देखते हुए भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने थलसेना, वायुसेना और नौसेना कर्मियों को सार्वजनिक संपत्ति को लूटने या आम लोगों को चोट पहुंचाने वाले किसी भी दंगाई को गोली मारने का आदेश जारी किया है। यह आदेश राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे द्वारा लोगों से हिंसा और बदले की भावना वाले कृत्य रोकने की अपील के बाद आया है।

सेना के प्रवक्ता ने बताया कि देश में विरोध की पहचान हो गई है, जिन्होंने मंत्रियों और सांसद के घरों को जला दिया है। बता दें कि सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका के मोरातुवा मेयर समन लाल फर्नांडो और सांसद सनथ निशांत, रमेश पथिराना, महिपाल हेराथ, थिसा कुट्टियाराची और निमल लांजा के आधिकारिक आवासों को भी आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारी ने पोदुजाना पेरामुना के सांसदों पर हमला कर दिया है।
डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, यहां तक कि श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के कुछ कार्यालयों को भी आग के हवाले कर दिया गया है। श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार के कुछ सदस्यों को हिंसक विरोध के बाद इस्तीफा देने के एक दिन बाद त्रिंकोमाली नौसैनिक अड्डे में स्थानांतरित कर दिया गया है, जिसके कारण देशव्यापी कर्फ्यू लगा।

प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार के कुछ सदस्यों के कोलंबो स्थित सरकारी आवास से निकलने के बाद त्रिंकोमाली नौसैनिक अड्डे में शरण ली। यह खबर फैलने के बाद मंगलवार को नौसैनिक अड्डे के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, प्रदर्शनकारी महिंदा को परिसर से बाहर करने की मांग कर रहे हैं।