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पिछले आठ माह में खुदरा महंगाई उच्चतम स्तर पर

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चुनाव बाद पेट्रोल व डीजल के दामों में हुई दस रूपये तक की वृद्दि का असर अब बाजार पर पड़ता नजर आने लगा है। इस दौरान खुदरा महंगाई दर में जबरदस्त उछाल आय़ा है। मार्च माह में खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी रहा, जबकि फरवरी 2022 में 6.07 फीसदी रहा था। खुदरा महंगाई दर का ये आंकड़ा आठ माह के उच्चतम स्तर पर है। राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग ने महंगाई दर को लेकर ये आंकड़ा जारी किया है।

खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी पर जा पहुंची है। यह आरबीआई के महंगाई दर के तय किए अपर लिमिट छह फीसदी से ज्यादा है। एनएसओ के डाटा के मुताबिक शहरी इलाकों में महंगाई में जबरदस्त इजाफा हुआ है। फरवरी में शहरी इलाकों में खुदरा महंगाई दर 5.75 फीसदी थी। मार्च 2022 में शहरी इलाकों में खुदरा महंगाई दर 7.66 फीसदी रही है, जबकि ग्रामीण इलाकों में खुदरा महंगाई दर 6.12 फीसदी रही। मार्च में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में भारी उछाल के चलते पेट्रोल डीजल के दामों में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली है। 22 मार्च 2022 के बाद पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने का सिलसिला शुरू हुआ था। रूस यूक्रेन युद्ध के चलते खाने के तेल के दामों में भारी इजाफा हुआ है। 


मार्च माह में खाने पीने की चीजों की महंगाई दर में जबरदस्त उछाल आया है। मार्च में खाद्य महंगाई दर 7.68 फीसदी रही है। फूड बास्केट में बढ़ोतरी की वजह  खाने के तेल के दामों में बढ़ोतरी है जो 18.79 फीसदी रही है। साग-सब्जियों की कीमतों में 11.64 फीसदी की बढ़ोतरी आई है तो मीट और मछली के दामों में 9.63 फीसदी की उछाल आई है।

जानकारों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी पर जा पहुंची है। यह आरबीआई द्वारा तय सीमा 6 फीसदी से ज्यादा है। 8 अप्रैल को 2022-23 के पहली द्विमासिक कर्ज नीति की समीक्षा करते हुए आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव भले ही न किया हो लेकिन जिस प्रकार महंगाई बढ़ रही है उसके बाद ब्याज दरों महंगे होने के आसार बढ़ गए हैं। आरबीआई ने भी 2022-23 के लिए महंगाई दर के अनुमान को 5.7 फीसदी कर दिया है। 

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