पुरानी मशीन के लिये वेलेंटिस कैंसर हॉस्पिटल से ठगे करीब सवा दो करोड़
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पुरानी मशीन के लिये वेलेंटिस कैंसर हॉस्पिटल से ठगे करीब सवा दो करोड़

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  • पुरानी मशीन दिलाने के नाम पर की गई ठगी
  • नागपुर की कंपनी ने पैसे लिये मशीन नहीं दी
  • बिजनौर ईकाई पर पुरानी मशीन होनी थी स्थापित
  • डा.अमित जैन ने की एसएसपी से शिकायत
  • गंगानगर थाने में पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज 
  • मेडेक्स मेडिकल सिस्टम कंपनी से जुड़े हैं ये लोग

वेलेंटिस कैंसर हॉस्पिटल मेरठ के निदेशक से मशीन स्थापित करने के नाम पर 2.16 करोड़ रुपये ठग लिये गये। यह ठगी  सेकेंड हैंड सिटी स्कैन मशीन जिसे वह बिजनौर सेंटर पर स्थापित कर रहे थे, की एवज में ठगे गये हैं। इस मामले में निदेशक डा.अमित जैन ने  सीधे SSP से शिकायत की। इस पर गंगानगर थाने में संबंधित कंपनी के पांच पदाधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

वेलेंटिस कैंसर हॉस्पिटल के डायरेक्टर अमित जैन ने पुलिस कप्तान को जानकारी दी कि वेलेंटिस कैंसर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड का रजिस्टर ऑफिस गुरुग्राम के साइबर सिटी फेस-3 में है। इसकी एक यूनिक का ऑफिस बिजनौर और कैंप कार्यालय गंगानगर डिफेंस कॉलोनी में है। वह इस कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर हैं। डॉ. अमित जैन को बिजनौर हॉस्पिटल के लिए एक पुरानी सेकेंड हैंड सिटी स्कैन मशीन लेनी थी।

अमित जैन के मुताबिक मशीन खरीदने के लिए उन्होंने नागपुर की मेडेक्स मेडिकल सिस्टम कंपनी की वेबसाइट पर संपर्क किया। ये कंपनी मेडिकल उपकरण खरीदने-बेचने का काम करती है। रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. अमित की बात मार्च 2023 में कंपनी के ऑनर अश्विन राउत से हुई। इसके बाद अश्विन राउत की कंपनी की पदाधिकारी सैफाली राउत, अनिकेत कांबले, कुंदन सिंह, और प्रफुल्ल विजय राउत अप्रैल 2023 में डॉ. अमित के डिफेंस कॉलोनी स्थित मेरठ आवास पर आए।

मशीन का 2.70 करोड़ रुपए में सौदा तय हुआ। 8 मई 2023 को एग्रीमेंट कराकर इन लोगों ने मशीन देने की बात तय कर ली। शर्तों के मुताबिक डॉ. अमित को 80 प्रतिशत एडवांस भुगतान करना था। उन्होंने तीन आरटीजीएस के माध्यम से फर्म के खाते में 2.16 करोड़ ट्रांसफर करा दिए। लेकिन पेमेंट होने के बाद से उनको मशीन नहीं दी गई। कंपनी से आश्वासन मिलता रहा कि मशीन हमने डेनमार्क से आयात की है, जल्द ही बिजनौर हॉस्पिटल में पहुंचा दी जाएगी।

बताया गया कि कंपनी की तरफ से फर्जी लैंडिंग बिल व कस्टम विभाग के दस्तावेज भेजकर बताया गया कि मार्च 2024 तक मशीन हॉस्पिटल में लगा दी जाएगी। डॉ. अमित ने लैंडिंग बिल के बारे में कस्टम विभाग में जानकारी की तो पता चला कि ये सभी डॉक्यूमेंट फर्जी हैं। इसके बाद डॉ. अमित की तरफ से गंगानगर थाने में कंपनी के ऑनर समेत पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

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