महाराष्ट्र होमगार्ड्स के महानिदेशक और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को राज्य सरकार ने अंतत निलंबित कर ही दिया। सीएम उद्धव ठाकरे ने स्वयं यह कार्यवाही की। इस निलंबन के बाद परमबीर सिंह अब डीजीपी कार्यालय से इजाजत लिये बिना मुंबई से बाहर नहीं जा सकेंगे। इतना ही नहीं, निलंबन अवधि में वह किसी प्राइवेट कंपनी या फिर किसी बिजनेस ट्रेड में भी काम नहीं कर पायेंगे।
परमबीर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने सर्विस रूल का उल्लंघन किया है। परमबीर सिंह ने छुट्टी खत्म होने के बाद भी ड्यूटी ज्वाइन नहीं की और ना ही उन्होंने इस संदर्भ में महाराष्ट्र गृह मंत्रालय से सम्पर्क किया। गृह विभाग ने उनसे कई बार सम्पर्क स्थापित करने की कोशिश की लेकिन सम्पर्क में नहीं आए। परमबीर सिंह के खिलाफ महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कम से कम पांच मामले दर्ज हैं। ‘एंटीलिया’ कांड के बाद मार्च में मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से ट्रांसफर कर दिए गए परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारियों से शहर के बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के लिए कहा था। विवाद बढ़ने और वसूली के आरोप लगने के बाद परमबीर सिंह मुंबई छोड़कर चले गए हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी से छूट मिलने के बाद मुंबई पहुंचे। यहां उनसे कई एजेंसियां पूछताछ कर रही है।