-आरोपियों को बड़ी रकम देने का था वायदा
-दीप सिद्धू और लखा सिधाना मुख्य साजिशकर्ता
-तीन हजार पेज की है चार्जशीट
-ट्रैक्टरों की खरीद फरोख्त का डाटा भी शामिल
-अभी तक छह आरोपी चल रहे हैं फरार
-चार्जशीट में कई बड़े नेताओं के नाम भी शामिल
नई दिल्ली। किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा से संबंधित चार्जशीट दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी अदालत में जमा कर दी है। चार्जशीट करीब तीन हजार पेज की है। इसमें से करीब ढाई सौ पेज में ऑपरेशनल पार्ट है। चार्जशीट में दावा किया गया है कि 26 जनवरी को लाल किले में किसान सोची समझी साजिश के तहत दाखिल हुए थे। वे लाल किले पर कब्जा कर के इसे नया प्रोटेस्ट साइट बनाना चाहते थे।
बताया जा रहा है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को भी केवल इसलिये ही चुना गया था ताकि भारत सरकार की विदेशों में भी खासी किरकिरी हो सके। दावा किया गया है कि लाल किले में तिरंगा झंडा उतारकर निशान साहब और किसान झंडा फहराने वाले आरोपियों को बड़ी रकम देने का वायदा भी किया गया था। ट्रैक्टर रैली के लिये पंजाब व हरियाणा में बड़ी संख्या में ट्रैक्टर खरीदे गये थे। इसकी खरीद फरोख्त का डाटा भी चार्जशीट का हिस्सा बनाया गया है।
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दीप सिद्दू, इकबाल सिंह, मनिंदर मोनी और खेमप्रीत सहित 16 लोगों को इस कांड का आरोपी बनाया है। इन आरोपियों पर देशद्रोह, दंगा करना, हत्या की कोशिश और डकैती जैसी गंभीर धाराएं लगाई है। चार्जशीट में दीप सिद्धू और लखा सिधाना लाल किले की हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता है। इतना ही नहीं चार्जशीट में कई बड़े किसान नेताओं के नाम भी शामिल हैं। इस मामले में लखा सिधाना सहित छह अन्य आरोपी अभी फरार हैं।