रावण का कद बढ़ा लेकिन ससुराल में भी मारा गया
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- मेरठ को रावण की ससुराल बताया जाता है
- रावण के पुतलों का आकार बढ़ रहा है
- गगोल में नहीं शोक में नहीं मनाया जाता दशहरा
- क्रांतिकारियों को इस रोज अंग्रेजों ने दी थी फांसी
- मेरठ जिला मुख्यालय से है 15 किलोमीटर दूर गगोल
संपूर्ण देश आज दशहरा धूमधाम से मनाया जा रहा है लेकिन मेरठ जिले का एक गांव गगोल ऐसा भी हैं जहां वर्षों से दशहरा नहीं मनाया जाता। यहां रामलीला का आयोजन भी नहीं किया जाता। वजह यह है कि इस गांव में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों को दशहरे के दिन फांसी दी गई थी। तभी से यहां दशहरा नहीं मनाया जाता। जहां चारों तरफ बुराई पर अच्छाई की जीत के इस त्योहार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है वहीं गगोल में चारों तरफ मायूसी पसरी रहती है। यह गांव मेरठ जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित है।