यूपी में भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 22 जगहों पर आयकर विभाग ने मारा छापा
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यूपी में भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 22 जगहों पर आयकर विभाग ने मारा छापा

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यूपी में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है । इनकम टैक्स ने एक साथ 22 जगहों पर छापा मारा है । मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ,कानपुर समेत दिल्ली में आयकर विभाग की छापेमारी चल रही है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस छापेमारी में कई भ्रष्ट ब्यूरोक्रेट इनकम टैक्स की रडार पर हैं । कई विभागों में कार्यरत भ्रष्ट अधिकारियों के यहां छापे मारी हो रही है । सूत्रों के अनुसार UPICON से जुड़े ठेकेदारों पर इनकम टैक्स का छापा पड़ा है । इनकम टैक्स विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के तहत  उत्तरप्रदेश के अंतर्गत कई विभागों में कार्यरत करीब डेढ़ दर्जन अधिकारी-कर्मचारी  रडार पर आ गए हैं । इसमें उद्योग विभाग, उद्यमिता विकास संस्थान, उद्यमिता प्रशिक्षण संस्थान , यूपी इंडस्ट्रियल कंसलटेंट लिमिटेड और प्राइवेट सेक्टर के कुछ संस्थान हैं ।

इससे पहले 18 जून को उपायुक्त उद्योग राजेश यादव, मंगलानी ग्रुप और गोल्डन बास्केट फर्म पर छापे मारकर करोड़ों रुपए सीज किए गए थे । बुधवार को वरिष्ठ नौकरशाहों के करीबी बताए जा रहे राजू चौहान और देशराज के ठिकानों पर कानपुर में छापे मारे गए । लखनऊ समेत 22 जगह छापेमारी चल रही है. इनकम टैक्स के सूत्र के मुताबिक करीब एक दर्जन भ्रष्ट ब्यूरोक्रेट रडार पर हैं । 18 जून को ‘आपरेशन बाबू साहेब’ के तहत आयकर विभाग ने गोल्डन बास्केट फर्म, उपायुक्त उद्योग राजेश सिंह यादव के कंपनी बाग चौराहा के पास वीआइपी रोड पर स्थित आवास पर छापा मारा था । वह वर्षों से कानपुर में तैनात हैं. गोल्डन बास्केट के अंचित मंगलानी के घर से आयकर विभाग को 1.35 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी । 72 दिन बाद आयकर विभाग ने ‘आपरेशन बाबू साहेब’  का पार्ट टू लांच कर दिया ।

लखनऊ में अन्य स्थानों के साथ कानपुर में दो परिसरों में तलाशी चल रही है. यह छापेमारी मंगलानी समूह, यूपिकॉन, यूपी सरकार के वरिष्ठ नौकरशाह और अन्य से जुड़े लोगों पर है. कानपुर में राजू चौहान और देशराज के परिसरों पर छापे मारे गए हैं. दोनों ही रीयल इस्टेट के बड़े कारोबारी हैं. राजू चौहान के गेस्ट हाउस भी हैं. सूत्रों के मुताबिक दोनों का संबंध नौकरशाहों के परिवार के साथ किए गए जमीन के बड़े सौदों में सामने आया है.

तलाशी के दौरान मिले कुछ आपत्तिजनक सबूत राजू चौहान और देशराज के परिसरों से मिले हैँ. दोनों के पास बड़े-बड़े लैंड बैंक हैं. आयकर सूत्रों के मुताबिक उद्योग विभाग, उद्यमिता उद्धमिता विकास संस्थान, उद्यमिता प्रशिक्षण संस्थान,  यूपी इंडस्ट्रियल कंसलटेंट लिमिटेड (यूपिको)  भी जांच के दायरे में हैं.

देशराज कुशवाहा, पूर्व कबीना मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के करीबी बताए जाते हैं. बाबू सिंह कुशवाहा ने देशराज के नाम से अरबों की संपत्तियां खरीदी हैं. देशराज, कानपुर लखनऊ समेत अन्य जिलों में सैकड़ों बीघे जमीनों के मालिक हैं. इसके अलावा वह कोचिंग संचालक राज कुशवाहा के कॉलेज ग्रुप के चेयरमैन भी हैं.

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