भाजपा में इस्तीफों की बारिश, स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद तीन और विधायकों ने कहा बाय बाय
- लंबे समय से स्वामी प्रसाद चल रहे थे नाराज
- इस्तीफे के बाद भाजपा नेतृत्व डैमेज कंट्रोल में जुटा
- गृह मंत्री अमित शाह ने खुद संभाली कमान
- केशव प्रसाद ने कहा जल्दबाजी में न लें कोई फैसला
- स्वामी का जवाब-अपनी दुर्गति पर आपको तरस आना चाहिये
यूपी में चुनाव की तिथि घोषित होते ही भाजपा को कड़ा झटका लगा है। यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए भाजपा को अलविदा कह दिया है। बात इतने पर ही नहीं रूकी। मौर्य के समर्थन में बांदा के तिंदवारी से भाजपा विधायक ब्रजेश प्रजापति, बिल्हौर से भगवती सिंह सागर और तिलहर विधानसभा से विधायक रोशन लाल वर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया है। इस डैमेज कंट्रोल में पूरी भाजपा जुट गयी है लेकिन फिलहाल असहमति के स्वर अपनी तीव्रता पर कायम है। गृहमंत्री अमित शाह, डिप्टी चीफ मिनिस्टर केशव प्रसाद मौर्य. पार्टी महासचिव सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह इस मैनेजमेंट में लगे हुए हैं। बताया यह भी जा रहा है कि स्वामी प्रसाद के प्रभाव में भाजपा के अभी कई विधायक और हैं जो कभी भी पार्टी को टाटा बाय बाय बोल सकते हैं।

कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या ने अभी यह खुलासा नहीं किया है कि वह किस राजनीतिक दल में जा रहे हैं लेकिन इतना जरूर कहा कि राजनीतिक व्यक्ति होने के नाते अंतत वह किसी न किसी पार्टी में तो जायेंगे ही। हालांकि सूत्रों का दावा है कि वह समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं। बता दें कि स्वामी प्रसाद काफी समय से भाजपा नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। यह बात भी सामने आ रही है कि योगी सरकार में जनप्रतिनिधियों की भारी उपेक्षा व पुलिस और प्रशासनिक का सभी पर हावी होना भी नाराजगी का एक बड़ा सबब है।
इस बीच, डिप्टी चीफ केशव प्रसाद मौर्य ने स्वामी प्रसाद मौर्य से ट्वीट कर अपील की कि वह बैठ कर इस समस्या का समाधान कर लें, कोई भी फैसला जल्दबाजी में न लें। इसका स्वामी ने यह कहते हुए जवाब दिया कि केशव जी को अपनी दुर्गति पर तरस आना चाहिए और उन्हें अपनी स्थिति का आकलन करना चाहिए। यह बात स्वामी ने संभवत उन हालातों पर कही है जिसके मुताबिक समय समय पर केशव प्रसाद मौर्य को असामान्य हालात का कई बार सामना करना पड़ा है।
इन इस्तीफों पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया है कि इस बार सभी शोषितों, वंचितों, उत्पीड़ितों, उपेक्षितों का ‘मेल’ होगा और भाजपा की बांटने व अपमान करने वाली राजनीति के खिलाफ सपा की सबको सम्मान देने वाली राजनीति का इंक़लाब होगा। बाइस में सबके मेल मिलाप से सकारात्मक राजनीति का “मेला होबे”! बीजेपी की ऐतिहासिक हार होगी!