बेलारूस में बातचीत के प्रस्ताव को यूक्रेन ने ठुकराया, सुझाये नये नाम
- युद्ध के चार दिनों में काफी बदले हुए हैं हालात
- तटस्थ नाटो भी आया रूस के सामने, लगाये कई प्रतिबंध
- कुटनीति में घिरते जा रहे हैं पुतिन
- यूक्रेन में सैन्य जवानों की लूटपाट तेज
यूक्रेन पर किये गये हमले का आज चौथा दिन है। इन चार दिनों में हालात काफी बदले हैं। रूस की सेना लगातार आगे बढ़ती जा रही है। जबकि यूक्रेन भी पीछे हटने के लिये तैयार नहीं है। रूस ने बेलारूस में बातचीत का प्रस्ताव रखा था लेकिन यूक्रेन ने इससे इनकार कर दिया है। इन चार दिनों में अमेरिका ने यूक्रेन के राष्ट्रपति को देश छोड़ने का भी आफर दिया था लेकिन राष्ट्रपति ने इसे ठुकराते हुए कहा था कि वह मुल्क नहीं छोड़ेंगे, साथ ही उन्हें हथियार मुहैया कराये जायें। शुरूआती पलों में भले ही अमेरिका व नाटो सदस्यों ने तटस्थ होने की घोषणा की थी लेकिन यूक्रेन के आक्रामक रूख के बाद तेजी से नाटो भी यूक्रेन के पक्ष में आता नजर आ रहा है। यूरोपियन यूनियन ने यूरोप में रूसी राष्ट्रपति पुतिन व उनके तमाम सैन्य अफसरों की संपत्ति जब्त करने की घोषणा कर दी है। युद्ध जिस तरह आगे बढ़ है कूटनीतिक दृष्टि से यह रूस के लिये परेशानी का सबब बनता जा रहा है।
राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि बातचीत वार्सा, ब्रातिस्लावा, इस्तांबुल, बुडापेस्ट या बाकू में हो सकती है। उन्होंने कहा कि अन्य स्थानों पर भी बातचीत हो सकती है लेकिन रूस द्वारा सुझाये गये बेलारूस को यूक्रेन ने एकसिरे से इनकार कर दिया है।
हालांकि युद्ध के जरिये रूस ने सुबह खारकील में गैस की पाइप लाइन को ध्वस्त कर दिया है। खारकीव में रूसी सेना दाखिल भी हो चुकी है। इस बीच, सोशल मीडिया पर ऐसी वीडियो भी देखने में आ रही हैं जिस में सेना के जवानों ने वहां लूटपाट शुरू कर दी है।