-बाबा ने एलोपैथी को बताया था स्टूपिड
-आईएमए के सख्त रूख अपनाने पर स्वास्थ्य मंत्री ने किया था हस्तक्षेप
स्वास्थ्य मंत्री के दबाव के बाद बाबा ने मांगी थी माफी
-माफी के बाद भी खड़े किये एलौपैथी पर 25 सवाल
-टीवी शो पर खूब भड़के थे आईएमए पदाधिकारी बाबा पर
-सवालों का जवाब न दे बाबा करते रहे भटकाने की कोशिश
-आईएमए ने बताया था बाबा को सबसे ज्यादा भटकाने वाला व्यक्ति
देहरादून। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और बाबा रामदेव के बीच जारी जंग में एक नया मोड़ आ गया है। आईएमए की उत्तराखंड इकाई ने एलोपैथी पर की गई अपमानजक टिप्पणी को लेकर रामदेव को मानहानि का नोटिस दे दिया है। यह मानहानि एक हजार करोड़ रुपये की होगी। बतौर शर्त रामदेव को माफी मांगनी होगी और साथ ही सोशल मीडिया से वे सभी बयान हटाने होंगे जो उन्होंने हाल में ही एलौपैथी को निशाना बनाते हुए दिये हैं।
आईएमए उत्तराखंड के प्रदेश सचिव डॉ अजय खन्ना के मुताबिक बाबा रामदेव के बयान से आईएमए उत्तराखंड से जुड़े दो हजार सदस्यों की मानहानि हुई है। एक सदस्य (डॉक्टर) की पचास लाख की मानहानि के अनुसार कुल एक हजार करोड़ की मानहानि का दावा किया जाएगा। नोटिस में बाबा के खिलाफ मानहानि के साथ ही रिपोर्ट भी दर्ज कराई जायेगी। नोटिस में रामदेव को 76 घंटे के अंदर दिव्य श्वासारि कोरोनिल किट के भ्रामक विज्ञापन को भी सभी प्लेटफार्म से हटाने को कहा गया है। डॉ खन्ना का कहना है कि बाबा ने भ्रामक विज्ञापन के जरिए कोरोनिल को कोरोना संक्रमण के विरुद्ध प्रभावी व कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभावों से बचाने वाली दवाई बताया है। इस मामले में भी बाबा के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। अब मुख्यमंत्री से मुलाकात कर बाबा रामदेव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग भी आईएमए करेगा।