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बड़ा सवाल- बिना विभागीय संरक्षण कैसे चल रहा था याकूब का सिटी हॉस्पिटल

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  • 2019 से कानून को ताक पर रखकर चल रहा था सिटी हॉस्पिटल 
  • बिना विभागीय मिलीभगत के हॉस्पिटल संचालन कैसे संभव
  • कागजी औपचारिकता निभाने को दिये कई नोटिस
  • याकूब के ट्र्स्ट ने जवाब देना मुनासिब नहीं समझा
  • जवाब न मिलने पर भी क्यों खामोश रहा सीएमओ आफिस
  • याकूब एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम से चल रहा है अवैध हास्पिटल 
  •  ट्र्स्ट ने हॉस्पिटल बंद किया तो सीएओ विभाग को याद आया सील लगाना
  • याकूब कुरैशी परिवार समेत फरार, तलाश जारी 

मेरठ में कायदे कानून ताक पर रख स्वास्थ्य विभाग को ठेंगा दिखाते हुए संचालित माय सिटी हॉस्पिटल को आज उस वक्त सील कर दिया गया जब एक दिन पहले संचालकों ने खुद ही वहां ताले डाल दिये थे। ऐसा संचालकों ने हाजी याकूब कुरैशी पर शासन प्रशासन के कसते शिकंजे को देखते हुए किया गया। याकूब कुरैशी के रिश्तेदारों के नाम पर यह हास्पिटल संचालित हो रहा था। सील फैक्ट्री में मीट की पैकेजिंग करते पाये गये याकूब कुरैशी पर प्रशासन ने शिकंजा कसा है। एक लंबे अंतराल से यह अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा था। लोगों के जीवन से खिलवाड़ यहां हो रहा था लेकिन सीएमओ आफिस आंख  बंद किये रहा। कागजी औपचारिकता निभाते हुए इसका संचालन होने दिया जाता रहा। याकूब कुरैशी के रिश्तेदारों के अलावा इस गोरखधंधे में सीएमओ कार्यालय के किस जिम्मेदार अफसर की गर्दन फंसेगी अब यह देखना है। अपनी गर्दन बचाने की जुगत में लगे सीएमओ डा अखिलेश मोहन ने अब जांच कमेटी गठित कर दी है। साथ ही दावा किया है कि दो दिन पहले ही उन्होंने उन चार पैथोलॉजी सेंटर को सील किया है जो मानक के अनुरूप नहीं चल रहे थे। क्या जनस्वास्थ्य से साथ यह खिलवाड़ बिना किसी संरक्षण अथवा मिलीभगत के संभव है..यह कहना बेहद मुश्किल है। यह हाल तब है जबकि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर योगी सरकार बेहद सख्त है और वह अब आईएएस व आईपीएस पर भी एक्शन ले रही है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुस्लिम राजनीतिक में याकूब कुरैशी का एक बड़ा नाम है। सरकार चाहे कोई यूपी में रही हो लेकिन याकूब कुरैशी की मनमानी हमेशा चलती रही है। मेरठ शहर की सांसों के लिये बना नासूर कमेला भी याकूब कुरैशी के इशारे पर चलता रहा। सपा मंत्री आजम खान से पंगा लेने के बाद कमेला जमींदोज भले ही हुआ लेकिन नगर निगम की मिलीभगत से याकूब मालामाल होता रहा। अब 2019 से याकूब कुरैशी की अल फहीम बंद है लेकिन विगत दिनों पड़े छापे में खुलासा  हुआ कि वहां अवैध रूप से मीट की पैकिंग हो रही थी।

यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार पुन बनी तो 26 विभाग एकाएक ही सक्रिय हो गये और याकूब को नोटिस थमा दिये गये। अब शासन प्रशासन के डंडे को देखते हुए संचालकों ने खुद ही अवैध रूप से संचालित माय सिटी हॉस्पिटल पर ताले डाल दिये। मीडिया में यह सुर्खी बना तो सीएमओ विभाग को भी सोते में जैसे करंट लग गया। 

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