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कितनी बेबस व लाचार रही होगी किशोरी
थाना परिसर में ही पुलिस के सामने जहर खा लिया
महिलाओं को सुरक्षा देने का दंभ भरने वाली सरकार को आइना
अब जांच दरोगा की होगी जांच लेकिन जान तो चली गई
शव ले जाते हुए परिजनों ने लगाया पुलिस पर रिश्वत लेने का आरोप
आखिर किस दबाव में थी पुलिस की शादाब खुला घूमता व धमकता रहा
विवेचक दरोगा शिवराज सिंह को कप्तान ने किया निलंबित
मेरठ। कितनी बेबस और लाचार रही होगी वह किशोरी जिसने कोई रास्ता निकलता न देख मेरठ जिले के परीक्षितगढ़ थाना परिसर में ही जहर खा लिया। अपने पुलिसिया हुकुमरान वाले रवैये से पुलिस मां बेटी को चक्कर पर चक्कर लगवा रही थी लेकिन जहर खाने के बाद हरकत में आ गई। किशोरी को आनन फानन में केएमसी हेल्थ सेंटर लाया गया जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी। अब जब किशोरी की मौत पुलिस के गले की फांस बन गयी है तो जांच दरोगा के खिलाफ जांच व जांच उपरांत लापरवाही पाये जाने के स्थिति में दंडात्मक कार्यवाही की बात आला अफसरों द्वारा की जा रही है…लेकिन योगी सरकार के सुधार के तमाम दावों को झूठा साबित करते हुए किशोरी की जान तो चली गयी..वह जान जो अब आने वाली नहीं हैं। मेरठ के नवनियुक्त व तेजतर्रार एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने संपूर्ण घटनाक्रम में विवेचक दरोगा शिवराज सिंह को निलंबित कर दिया है।
यह वाक्या है मेरठ जिले के परिक्षितगढ़ थाना इलाके के एक गांव का। आरोप है कि गांव का ही शादाब किशोरी से छेड़छाड़ करता आ रहा था। घर पर किसी तरह शादाब ने मोबाइल भिजवा कर किशोरी को भाग ले जाने की बात भी कही लेकिन जब बात नहीं बनी तो आरोप है कि उसने किशोरी का चेहरा तेजाब डालकर जला देने की धमकी दी। इस पर फिर से पुलिस से शिकायत की गई। बीते 17 फरवरी को इस आशय की रिपोर्ट किसी तरह पुलिस ने दर्ज तो कर ली लेकिन शादाब खुली हवा में टहलता रहा,परिजनों को धमकाता रहा। वहीं मेरठ की जांबाज पुलिस किशोरी व उसकी मां को टालू मिक्चर पिलाते हुए चक्कर पर चक्कर लगवाती रही। और अंत में बीते दिवस किशोरी ने परेशान व खुद को असहाय पाते हुए थाना परिसर में ही जहर खा लिया। हेल्थ सेंटर के बाहर शव ले जाती एंबुलेंस को परिवार की महिलाओं ने रोक कर भारी विरोध जताया।
मामला सुर्खियों में आया तो पुलिस के हाथ पांव फूल गये। अब पुलिस कप्तान ने दरोगा को निलंबित कर फटी वर्दी को रफू करने का प्रयास किया है।