-डीएम संग बैठक में भी रही राजनीति हावी
-बंगाल के चुनाव खत्म लेकिन राजनीति तेज
-पीएम की बैठक में बोलने तक का मौका नहीं दिया जाता
-वहां अपमानित महसूस कराया जाता है
नई दिल्ली। बंगाल के चुनाव खत्म हो गये हैं लेकिन एकदूसरे को नीचा दिखाने की राजनीति अभी भी जारी है। बल्कि यह भी कहा जा सकता है कि यह लड़ाई और तेज हो गयी है तो कोई अतिश्योक्ति न होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्यों के जिलाधिकारियों के साथ की गई वर्चुअल मीटिंग भी इसके चलते विवादित होने से नहीं बची। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने खुला आरोप लगाया कि उन्हें सिर्फ कठपुतली बनाकर बैठा दिया गया जबकि उन्हें बोलने तक का मौका नहीं दिया गया। वहीं केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि डीएम की इस बैठक की गरिमा को ममता बनर्जी ने तार तार कर दिया। बैठक में मोदी को सीएम की मौजूदगी में इसलिये बात करनी थी ताकि डीएम द्वारा दिये जा रहे तथ्य सीएम की भी जानकारी में रहे।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच गुरुवार को 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और 54 जिला कलेक्टरों के साथ बातचीत की। मोदी की तरफ से जिला कलेक्टरों को व्यवस्था की निगरानी समेत कई अहम सुझाव दिए गए। लेकिन, बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद को न बोलने देने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भड़क गईं। बकौल ममता उन्हें एक तरह से अपमानित महसूस कराया गया। ममता ने कहा कि मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की कोविड पर बैठक भी पूरी तरह फ्लॉप और अपमानजनक रही। उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने कोविड बैठक में दावा किया कि संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं, तो फिर अब भी इतनी मौतें क्यों हो रही है ?
वहीं केंद्रीय कानून मंत्री रविशकंर प्रसाद ने कहा कि ममता ने 24 परगना के डीएम को यह कहते हुए बोलने नहीं दिया कि डीएम क्या जानते हैं, वह उनसे ज्यादा जानती हैं।