- प्रधानमंत्री पद पर अविश्वास के जरिये इमरान खान आउट हुए
- शहबाज शरीफ के पक्ष में 174 सांसदों ने वोट किया
- इमरान की पार्टी के सांसदों ने बहिष्कार किया
- कोई प्रधानमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान आखिरकार आउट हो ही गए। उनकी जगह अब शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद की कमान सौंप दी गई है। ऐसा संसद में वोटिंग के नतीजे सामने आने के बाद हुआ। शहबाज शरीफ के पक्ष में 174 वोट पड़े जबकि वोटिंग से इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सांसदों ने बहिष्कार कर दिया। शहबाज पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री बने हैं। वह पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं। वह पंजाब (पाकिस्तान) के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
शहबाज शरीफ ने पीएम चुने जाने के बाद संसद को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान में पहला मौका है जब अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई और प्रधानमंत्री को कुर्सी गंवानी पड़ी है। वह पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देते हैं जिसने कानून को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा संदेश दिया है और एक हफ्ते तक चल रहा ड्रामा खत्म हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि वह नवाज शरीफ को सलाम पेश करते हैं। कर्ज की जिंदगी कोई जिंदगी नहीं है। शहबाज ने इमरान खान के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यहां न कोई गद्दार था, न है।
इससे पहले, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के ज्यादातर सांसदों ने नए प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए हुए मतदान से पहले ही नेशनल असेंबली से इस्तीफा दे दिया था। रविवार को इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था। खान सदन का विश्वास खोने के बाद देश के इतिहास में पद गंवाने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए। पाकिस्तान 1947 में अस्तित्व में आने के बाद से कई बार शासन परिवर्तन और सैन्य तख्तापलट के साथ राजनीतिक अस्थिरता से जूझता रहा है। किसी भी प्रधानमंत्री ने अब तक पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।