पर्यटकों पर नियंत्रण, कांवड़ यात्रा को उत्तराखंड की भी मंजूरी
BREAKING राष्ट्रीय

पर्यटकों पर नियंत्रण, कांवड़ यात्रा को उत्तराखंड की भी मंजूरी

Spread the love
126 Views

 

धामी ने इजाजत से पहले की योगी से बात  

यूपी सीएम योगी दे चुके हैं पहले ही मंजूरी

कोरोना के कारण पर्यटकों पर नियंत्रण

कांवड़ यात्रा की भीड़ कैसे होगी नियंत्रित

कैम्पटी फाल पर पचास से ज्यादा नहीं नहा सकते, कांवड़ यात्रा में ?

देहरादून। काफी पशोपेश के बीच उत्तराखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कांवड़ यात्रा को अपनी मंजूरी दे दी है। कांवड़ यात्रा को लेकर यह अहम फैसला मुख्यमंत्री ने आला अफसरों के साथ बैठक और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता करने के बाद लिया। यूपी के सीएम योगी पहले ही कांवड़ यात्रा को अपनी मंजूरी दे चुके हैं। इससे पहले सीएम धामी का यह बयान सामने आया था कि कावंड़ यात्रा किसी एक राज्य का मसला नहीं हैं, यूपी व दिल्ली से भी पहले इस बारे में बात करनी होगी। अब यूपी व उतराखंड के सीएम कांवड़ यात्रा के संचालन को लेकर केंद्र को प्रस्ताव देंगे।

( यह भी देखिये https://www.youtube.com/watch?v=0-5_7ZbjvII&t=4s)

दिलचस्प व गंभीर बात यह है कि कांवड़ यात्रा के संचालन का यह फैसला उस वक्त आया है जब कोरोना की तीसरी लहर के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। भीषण गर्मी के कारण पहाड़ों पर उमड़ी भीड़ पर नैनीताल हाईकोर्ट पहले ही अपनी नाराजगी जताते हुए जवाब तलब कर चुका है। यहीं कारण है कि कैम्पटी फाल पर अब एक बार में पचास पर्यटकों के नहाने की ही इजाजत दी गई है। कैंम्पटी फाल पर जिस तरह लोगों की एकाएक भीड़ उमड़ी है उसने सभी लोगों को हैरत व परेशानी में डाल दिया है। मनाली की भीड़ भी कम डराने वाली नहीं हैं। निर्धारित प्रोटोकाल पूरे करने की शर्त पर कांवड़ यात्रा को दो राज्यों ने भले ही मंजूरी दे दी है लेकिन तीसरी लहर की गति पर पर इसका कितना असर पड़ेगा, यह वक्त ही बतायेगा।

आपको याद होगा किकोरोना के कारण पिछले साल कांवड़ यात्रा स्थगित कर दी गई थी। हाल में यहां पुलिस अधिकारियों की अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में भी यह राय बनी थी कि संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए फिलहाल कांवड़ यात्रा को स्थगित रखना चाहिए। हर साल जुलाई में श्रावण का महीना आते ही कांवड़ यात्रा शुरू हो जाती है, जो अगस्त की शुरूआत तक चलती है. इस एक पखवाड़े के दौरान उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों से लाखों शिव भक्त गंगा जल लेने के लिए हरिद्वार आते हैं। गंगा जल से वह अपने गांवों और घरों में शिव मंदिरों में ‘जलाभिषेक’ करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *