BREAKING उत्तर प्रदेश खास खबर

परिवारवाद सलेक्टिव नहीं हो सकता, भाजपा में भी परिवारवाद है- मयंक जोशी

Spread the love
142 Views

तमाम कयास व चर्चाओं को विराम देते हुए भाजपा छोड़कर साइकिल पर सवार हुए मयंक जोशी ने भाजपा पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा में ब्राह्मणों के साथ हमेशा भेदभाव होाता आया है। भाजपा नेता विपक्ष को परिवारवाद के नाम पर घेरते जरूर हैं लेकिन सबसे ज्यादा परिवारवाद भाजपा में ही हैं। उन्होंने कहा कि परिवारवाद सलेक्टिव नहीं हो सकता, यह सभी पर लागू है।

बता दें कि मयंक जोशी, पूर्व में कभी कांग्रेस में रही व मौजूदा भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र हैं। मयंक जोशी भाजपा द्वारा टिकट न दिये जाने से खासे नाराज थे। बीते पांच मार्च को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें आजमगढ़ की चुनावी रैली में सपा में शामिल कराया था। भाजपा ने लखनऊ कैंट सीट से कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक को अपना उम्मीदवार बनाया है, इसी सीट से मयंक जोशी टिकट चाह रहे थे। एक टीवी चैनल को दिये साक्षात्कार में मयंक ने कहा कि वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रोग्रेसिव सोच से प्रभावित होकर सपा में शामिल हुए हैं। अखिलेश यादव ने चुनाव में विकास, महिला सुरक्षा, एमएसपी, किसानों, युवाओं, लैपटॉप और टैबलेट की बात की। उन्होंने कहा कि जो आदमी विकास और प्रदेश को आगे ले जाने की बात करे, एक युवा होने के नाते हमें उसके साथ खड़े होना चाहिए। काफी सोच-विचार के बाद सपा में शामिल होने का फैसला किया है।मयंका का कहना है कि उत्तर प्रदेश का भविष्य अखिलेश यादव के हाथों में सुरक्षित है।

भाजपा की ओर से सपा पर लगाए गए परिवारवाद के आरोपों पर मयंक भाजपा नेताओं की एक सूची गिनाते हैं, जिनका परिवार भाजपा में है। इसमें वह चुनाव सहप्रभारी अनुराग ठाकुर, राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का परिवार, बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, मोहनलालगंज के सांसद के परिवार और गोण्डा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे का नाम गिनाते हैं। वह कहते हैं कि परिवारवाद सलेक्टिव नहीं हो सकता, सबके लिए एक समान नियम होने चाहिए। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *