टैक्स बचाने वाले म्यूचुअल फंडों में बढ़ने लगा निवेश, 1.20 लाख करोड़ के पार निकला आंकड़ा
हाइब्रिड म्यूचुअल फंडों में निवेश धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है. आंकड़े बताते हैं कि जनवरी महीने के दौरान इन फंडों को निवेशकों से 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का इनफ्लो मिला. यह एक महीने पहले की तुलना में 37 फीसदी की बढ़ोतरी है । एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी में हाइब्रिड म्यूचुअल फंडों में कुल निवेश 20,634 करोड़ रुपये रहा. इस तरह चालू वित्त वर्ष के दौरान हाइब्रिड म्यूचुअल फंडों का कुल निवेश बढ़कर 1.21 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. पिछले वित्त वर्ष के दौरान शुरुआती 10 महीने में हाइब्रिड फंडों से आउटफ्लो देखने को मिला था । हाइब्रिड फंड वैसे म्यूचुअल फंडों को कहा जाता है, जो एक साथ इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करते हैं. कई हाइब्रिड फंड तो इक्विटी और डेट के अलावा गोल्ड जैसे एसेट क्लास में भी अपने फंड को एलोकेट करते हैं. इस कारण हाइब्रिड फंडों में निवेशकों को बेहतर डायवर्सिफिकेशन का लाभ मिलता है. जो निवेशक कम जोखिम उठाना पसंद करते हैं, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड उनके लिए बेहतर विकल्प बन जाते हैं क्योंकि डायवर्स पोर्टफोलियो के चलते इन फंडों में उतार-चढ़ाव तुलनात्मक तौर पर कम दिखता है । एक रिपोर्ट में एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के हवाले से बताया गया है कि जनवरी में 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के इनफ्लो के पहले दिसंबर महीने के दौरान हाइब्रिड फंडों को 15,009 करोड़ रुपये का इनफ्लो मिला था. हाइब्रिड फंडों को करीब साल भर से लगातार इनफ्लो मिल रहा है. उनमें भी दो कैटेगरी- आर्बिटरेज फंड और मल्टी एसेट एलोकेशन फंड को सबसे ज्यादा निवेश मिल रहा है. जनवरी में मिले कुल निवेश में से 50 फीसदी से ज्यादा निवेश अकेले आर्बिटरेज फंड को मिला था. इनका टोटल इनफ्लो 10,608 करोड़ रुपये रहा था. वहीं मल्टी एसेट एलोकेशन फंड को 7,080 करोड़ रुपये का इनफ्लो प्राप्त हुआ था । हाइब्रिड म्यूचुअल फंडों की लोकप्रियता और स्वीकार्यता बढ़ने का सबसे बड़ा कारण टैक्स से जुड़े फायदे हैं. डेट फंडों को लेकर टैक्सेशन के नियमों में पिछले साल अप्रैल में बदलाव किया गया था. उसके बाद से ही हाइब्रिड म्यूचुअल फंडों में निवेश तेज हुआ है और हर महीने इनफ्लो रिकॉर्ड हुआ है. उससे पहले मार्च 2023 में हाइब्रिड म्यूचुअल फंडों से 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा विदड्रॉ किए गए थे ।।