- रूसी हमले से कच्चे तेल के दामों में इजाफा
- अमेरिका व यूरोप के प्रतिबंध का नजर आने लगा असर
- असर के चलते पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ना तय
- पांच राज्यों के चुनाव के चलते नहीं बढ़ रहे दाम
- आज आखिरी चरण खत्म होने के बाद बढ़ सकती है कीमत
यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर आर्थिक व अन्य प्रतिबंध लगाये जाने से क्रूड आयल पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है। अमेरिका व यूरोपीय मुल्क रूस के तेल व गैस पर शिकंजा कसने की तैयारी में हैं। इस क्रम में इरान को मुख्य धारा में लाया जा रहा है। इस कार्य में हो रही देरी का सीधा असर कच्चे तेल के दाम पर पड़ रहा है। अलबत्ता भारत में फिलहाल रेट स्थिर हैं। माना जा रहा है कि ऐसा पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के कारण है। आज चुनाव का सातवां व आखिर चरण है। माना जा रहा है कि चुनाव खत्म होते ही डीजल व पेट्रोल उपभोक्ताओं को झटका लगना तय है। इसे देखते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि मोदी सरकार का चुनावी ऑफर खत्म होने वाला है, लिहाजा अपनी गाड़ी की टंकी फुल करा लें।
कच्चे तेल की कीमतों में इजाफे को देखते हुए एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि अब पेट्रोल-डीजल के भाव में ज्यादा दिन तक स्थिरता नहीं रहेगी। दरअसल, यूक्रेन और रूस में युद्ध की स्थिति के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 110 अमेरिकी डॉलर के पार पहुंच चुकी हैं। हालांकि कच्चे तेल की कीमत कम होने के बावजूद पेट्रोल व डीजल के दाम कभी कम नहीं होते हैं।
राहुल गांधी ने कहा-फुल करा लें टंकी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने वाहन ईंधन की कीमतों पर मोदी सरकार पर तंज किया है।उन्होंने एक ट्वीट कर लोगों को अपनी गाड़ी की टंकी फटाफट फुल कराने की सलाह दी है। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार का ‘चुनावी’ ऑफर खत्म होने वाला है। कांग्रेस नेता ने पांच राज्यों में चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने की आशंका के बीच हाल ही में यह ट्वीट किया है।